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Webinar : आधुनिक तकनीकों का प्रयोग नैतिक मापदंडों का ध्यान रखते हुए करें- Prof. H.S. Asthana

Varanasi : वैज्ञानिक शोध में नैतिक मापदंडों का ध्यान, कराए कार्य की गुणवत्ता का पहचान विषय पर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विज्ञान के प्रोफेसर एवं विभागाध्यक्ष प्रो. एचएस अस्थाना ने व्याख्यान दिया। उन्होंने यह वक्तव्य सात दिवसीय ऑनलाइन क्षमता निर्माण कार्यशाला ‘ डिजिटल इनीशिएटिव फॉर हायर एजुकेशन’ के छठे दिन मुख्य वक्ता के रूप में दिया। यह कार्यशाला वसंत महिला महाविद्यालय, महिला महाविद्यालय (बीएचयू), आर्य महिला पीजी कॉलेज एवं वसंत कन्या महाविद्यालय के संयुक्त तत्वाधान में 15 से 21 जून तक चला। आखिरी दिन इस कार्यशाला में वक्ता ने “वैज्ञानिक शोध में नैतिकता पर विचार” विषयक अपने उद्बोधन में इस बात पर बल दिया कि शोधकर्ता को जनता, संस्थान व समाज के प्रति उत्तरदायी होकर कार्य करना चाहिए। आधुनिक तकनीकों का प्रयोग, नैतिक मापदंडों का ध्यान रखते हुए करें। एक ही प्रपत्र का बार बार प्रकाशन, अति-सामान्यीकरण एवं गलत सांख्यिकीय तकनीक के प्रयोग से बचना चाहिए।

कार्यशाला के दूसरे वक्ता डा० थियागु के, सहायक प्राचार्य, शिक्षाशास्त्र विभाग, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ केरला ने “मोबाइल एप्स: अध्येता हेतु” विषयक अपने प्रस्तुतीकरण में उच्च शिक्षा के क्षेत्र के कई मोबाइल एप्स की जानकारी दी एवं उनके प्रयोग का प्रशिक्षण दिया। एवरनोट, वाईपीएस ऑफिस, एपावर मिरर, एआर, गूगल लेंस, एम कॉन्टेंट, ए जेड रिकॉर्डर, एक्स रिकॉर्डर, मेंडले, एवं साइटेशन मेकर आदि कई एप्स के विषय में बताएं जिससे अधिकतर छात्र परिचित नहीं थे। कार्यक्रम का संचालन डॉ विभा जोशी एवं डॉ मनीषा मिश्र ने किया। इसमें लगभग 200 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। डॉ अनूप मिश्रा, डॉ पद्मिनी आर नाथ, डॉ मंजू बानिक, डॉ इंदु उपाध्याय, डॉ सुभाष मीणा एवं मेहताब अहमद ने इसके संचालन में सहयोग प्रदान किया।

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