संतान की सुख-समृद्धि और लंबी आयु की कामना : घाटों और कुंडों पर उमड़ा श्रद्धा का सैलाब, पुत्र की दीर्घायु के लिए माताओं ने किया पूजन
Input and photos Abhishek Tripathi & Krishna
Varanasi : जीवित्पुत्रिका व्रत शनिवार को नहाय खाय के साथ शुरू हो गया। अपनी संतान की सुख-समृद्धि और लंबी आयु के लिए तालाबों, कुंडों व गंगा घाटों पर रविवार को भगवान जीमूतवाहन की पूजा की। वहीं 19 सितंबर को सुबह पारण कर उपवास तोड़ेंगी। व्रत की सामग्री की खरीदारी को लेकर शनिवार को रौनक रही।
धर्म की नगरी काशी में रविवार को माताओं ने अपने पुत्रों की दीर्घायु की कामना से माता लक्ष्मी का विशेष पूजन किया। पूजन का मुख्य केंद्र लक्सा स्थित महालक्ष्मी मंदिर रहा। लक्ष्मीकुंड स्थित मंदिर की गली से लेकर गुरुबाग तिराहे तक जिधर भी नजर जाती महिलाओं की भीड़ ही नजर आईं। गन्ने से मंडप बना कर महिलाओं ने उसके नीचे ज्यूतिया माता और लक्ष्मी माता के विग्रह स्थापित किए। उनके आगे जल भरे कलश पर दीप प्रज्जवलन किया। लक्सा के अतिरिक्त शहर के सभी प्रमुख कुंडों और तालाबों के किनारे भी व्रती महिलाओं का हुजूम उमड़ा था। पूजन के दौरान महिलाओं ने एक दूसरे को आठ प्रकार की कहानियां सुनाईं। इनमें सबसे पुरानी और चर्चित कहानी राजा जिमूतवाहन की है। इसके अतिरिक्त गिलहरी और उसके बच्चों की कहानी भी महिलाओं ने सुनाई। इन सभी कहानियों का सार संतान की रक्षा से जुड़ा है। व्रती महिलाओं ने पहले गंगा स्नान किया फिर उनका रुख लक्सा स्थित लक्ष्मी मंदिर की ओर हुआ। वहीं ग्रामीण क्षेत्र से आई बहुत सी महिलाओं ने भी यह प्रक्रिया पूरी की। मुख्य पूजन क्षेत्र में महिलाओं को किसी प्रकार की दिक्कत न हो इसके लिए रथयात्रा, गुरुबाग और गिरजाघर मार्ग से लक्सा की ओर वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।
बच्चों के जीवन में आती है सुख-समद्धि
सुंदरपुर निवासी कुसुम मिश्रा ने बताया कि जीवित्पुत्रिका व्रत में भगवान जीमूतवाहन की प्रतिमा जल में स्थापित करके पूजा शुरू की जाती है। इस दौरान धूप, दीप, अक्षत, फूल, माला अर्पित कर पूजा की जाती है। प्रतिमा पर सिंदूर का टीका लगाया जाता है। मान्यता है कि इससे मनचाहा वरदान मिलता है। बच्चों के जीवन में सुख-समद्धि आती है।
सामान्य रहे फलों के दाम
जिउतिया व्रत को लेकर जहां पूजन सामग्रियों की खरीदारी हुई। वहीं फलों के दामों में कोई बदलाव नहीं देखा गया। पहड़िया में फल व्यवसायी किशन सोनकर ने बताया कि हर साल की अपेक्षा इस साल फलों की आवक अच्छी होने की वजह से फलों के दाम सस्ते रहे। मंडी में शनिवार को नाशपाती 100 से 120 रुपये है। सेब के दाम 70 से 80 बिका, वहीं केला 50 रुपये दर्जन रहा। इसके अलावा अनानाश 40 से 45, नारियल 40 से 50, अनार 80 रुपये किलो बिका।








