World Tobacco Prohibition Day : नशे ने अब तक कई घर किया तबाह, DM ने किया आगाह
तंबाकू से हर रोज तीन हजार लोग तोड़ देते हैं दम
40 तरह के कैंसर, अन्य गंभीर बीमारियों सहित कोरोना वायरस के संक्रमण का भी खतरा
Varanasi : देश में तंबाकू से हर रोज तीन हजार लोग दम तोड़ देते हैं। अपने परिवार की अहमियत को समझे और तंबाकू उत्पादों से दूर रहें। तंबाकू से 40 तरह के कैंसर, अन्य गंभीर बीमारियों के साथ कोरोना वायरस के संक्रमण का भी खतरा है। जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने विश्व तंबाकू निषेध दिवस के अवसर पर बीड़ी, सिगरेट, खैनी, गुटखा, हुक्का आदि का सेवन करने वाले व्यक्तियों को आगाह करते हुये कहा कि ऐसा करने वाले व्यक्ति न केवल अपने जीवन से खिलवाड़ करते हैं, बल्कि घर-परिवार की जमा पूंजी को भी गंभीर बीमारियों के इलाज पर फूंक देते हैं। इस पर काबू पाने के लिए सरकार द्वारा कोटपा अधिनियम बनाया गया है। साथ ही सरकार और विभिन्न संस्थाएं लोगों को जागरूक करने में जुटी हैं। यह समस्या केवल भारत की नहीं बल्कि पूरे विश्व की है। इसी को ध्यान में रखते हुए हर साल 31 मई को विश्व तंबाकू निषेध दिवस मनाया जाता है, जिसके जरिये लोगों को तंबाकू के खतरों के प्रति सचेत किया जाता है।
डीएम ने बताया कि भारत में अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग पान, गुटखा, खैनी आदि का सेवन करने बाद सार्वजनिक स्थानों पर थूंकने से परहेज नहीं करते हैं। जिससे अन्य गंभीर बीमारियों के अलावा वर्तमान में कोरोना वायरस का खतरा बढ़ रहा है। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं से अपील किया है कि तंबाकू पदार्थों के सेवन के खतरे को गंभीरतापूर्वक समझें तथा इससे स्वयं भी दूर रहें और अन्य को भी जागरूक करें। उन्होने कहा, इसी को ध्यान में रखते हुये इस वर्ष की थीम युवाओं पर आधारित है- प्रोटेक्टिंग यूथ फ्रॉम इंडस्ट्री मैनिपुलेशन एंड प्रिवेंटिंग देम फ्रॉम टोबैको एंड निकोटिन यूज।
बनाये गए हैं अधिनियम
जिलाधिकारी ने कहा, तंबाकू उत्पादों को रोकने के लिए कोटपा अधिनियम 2003 बनाया गया है। अधिनियम कि धारा-4 के तहत सार्वजनिक स्थलों जैसे-बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, रेलवे प्रतीक्षालय, न्यायालय परिसर, शैक्षणिक संस्थान, कैंटीन, कैफे, क्लब, होटल, रेस्टोरेंट आदि पर धूम्रपान पर पूरी तरह से रोक है। उल्लंघन करने पर 200 रूपये जुर्माने का भी प्रावधान किया गया है। धारा-6 ए के तहत सिगरेट व अन्य तम्बाकू उत्पादों को 18 साल से कम उम्र के बच्चों द्वारा बेचे जाने पर पूरी तरह रोक का प्रावधान किया गया है। धारा-6 बी के तहत शैक्षणिक संस्थाओं से 100 गज की दूरी में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगायी गयी है, इस दायरे में कोई भी इस तरह के उत्पाद नहीं बेच सकता। इसका उल्लंघन करने पर 200 रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

आंकड़े पर एक नजर
सीएमओ डॉ. वीबी सिंह ने बताया कि बीड़ी-सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पादों के सेवन से आज हमारे देश में हर साल करीब 12 लाख लोग यानि करीब तीन हजार लोग हर रोज दम तोड़ देते हैं। सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा इन आंकड़ों को कम करने का हर संभव प्रयास किया जा रहा है। उनका कहना है कि वैश्विक वयस्क तम्बाकू सर्वेक्षण-2 (गैट्स-2) 2016-17 से यह साफ संकेत मिलता है कि उत्तर प्रदेश में तंबाकू का सेवन करने वालों का आंकड़ा हर साल बढ़ ही रहा है।
हो सकते हैं 40 तरह के कैसंर
धूम्रपान करने या अन्य किसी भी रूप में तंबाकू का सेवन करने वालों को करीब 40 तरह के कैंसर और 25 अन्य गंभीर बीमारियों की चपेट में आने की पूरी सम्भावना रहती है। इसमें मुंह व गले का कैंसर प्रमुख हैं। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कमजोर पड़ जाती है। धूम्रपान करने वालों के फेफड़ों तक तो करीब 30 फीसद ही धुंआ पहुंचता है बाकी बाहर निकलने वाला करीब 70 फीसद धुंआ उन लोगों को प्रभावित करता है जो कि धूम्रपान नहीं करते हैं। धूम्रपान शुक्राणुओं की संख्या को नुकसान पहुंचाते हैं, जिसके चलते नपुंसकता का शिकार बनने की संभावना बढ़ जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए इस साल की थीम भी युवाओं पर केंद्रीय है ताकि उनको इस बुराई से बचाया जा सके।
