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मिलेगा विशेष आशीर्वाद: नवरात्रि के छठवें दिन माता कात्यायनी को लगाएं शहद का भोग, जानिए महत्व

वाराणसी: नवरात्रि के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा की जाती है, जिन्हें शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन माता को शहद का भोग अर्पित करने से विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है। माता कात्यायनी का यह स्वरूप अत्यंत सौम्य और करुणामयी है, और उनकी पूजा से भक्तों के समस्त पापों का नाश होता है।

शहद का भोग और इसका महत्व

माता कात्यायनी को शहद अत्यंत प्रिय है। शहद अर्पित करने से जीवन में मिठास और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। यह भोग समर्पण और शुद्धता का प्रतीक माना गया है। शहद से माता प्रसन्न होती हैं और भक्तों को रोग, शोक, भय, और बाधाओं से मुक्ति प्रदान करती हैं। साथ ही, जो व्यक्ति विवाह में विलंब का सामना कर रहे होते हैं, उनके लिए शहद का भोग विशेष रूप से लाभकारी माना गया है।

देवी कात्यायनी की पूजा विधि

नवरात्र के छठे दिन माता कात्यायनी की पूजा करते समय देवी को पीले रंग के वस्त्र अर्पित करें और शहद का भोग लगाएं। देवी का ध्यान करते हुए निम्न मंत्र का जाप करें:

“चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्या देवी दानवघातिनी।।”

माता की आराधना के बाद भोग को प्रसाद रूप में ग्रहण करें और परिवार के सदस्यों में भी वितरित करें। यह माना जाता है कि इससे घर में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है।

माता कात्यायनी की कृपा

माता कात्यायनी की उपासना से भक्तों के जीवन में साहस, आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। देवी की कृपा से सभी प्रकार के संकट दूर होते हैं और जीवन में विजय और सफलता प्राप्त होती है। उनके आशीर्वाद से भक्तों को मोक्ष और भौतिक सुख दोनों प्राप्त होते हैं।

इस नवरात्रि, माता कात्यायनी की पूजा में शहद का भोग अवश्य अर्पित करें और देवी के विशेष आशीर्वाद की प्राप्ति करें।

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