पर्यटकों को लुभा रहा नमो घाट: देव दीपावली पर उपराष्ट्रपति करेंगे उद्घाटन, राज्यपाल, CM Yogi और केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल, इस तरह सजा है पहला मॉडल घाट
वाराणसी: काशी की प्राचीनता और आधुनिकता के संगम को एक नए स्वरूप में प्रस्तुत करता हुआ “नमो घाट” अब पर्यटन, आस्था और रोजगार का प्रमुख केंद्र बन गया है। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ 15 नवंबर को इसका उद्घाटन करेंगे। इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, और केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी भी उपस्थित रहेंगे।
अद्वितीय सुविधाएं और आकर्षण
नमो घाट का पुनर्निर्माण 91.06 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है। इसकी कुल लंबाई 1.5 किलोमीटर तक बढ़ाकर इसे आदिकेशव घाट से जोड़ा गया है। 81000 वर्ग मीटर में फैले इस घाट पर फेज-वन और फेज-टू के तहत कई विश्वस्तरीय सुविधाओं का निर्माण किया गया है। यहां लगभग 75 फीट ऊंचा मेटल से बना ‘नमस्ते’ स्कल्प्चर प्रमुख आकर्षण है। जल, थल और नभ से जुड़े इस पहले घाट पर पर्यटक हेली टूरिज्म, वाटर स्पोर्ट्स और हेलीकॉप्टर लैंडिंग जैसी अनोखी सुविधाओं का आनंद ले सकते हैं।
फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन और अन्य विशेषताएं
यहां देश का पहला फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन स्थापित किया गया है, जिससे गंगा को प्रदूषण मुक्त करने में भी सहायता मिलेगी। इसके साथ ही फ्लोटिंग बाथिंग कुंड, ओपन थियेटर, कैफेटेरिया, बच्चों का खेल क्षेत्र, और व्यायाम तथा योग स्थल जैसे विभिन्न सुविधाओं का निर्माण किया गया है। ओपेन थियेटर और लाउंज के अलावा यहां बनारसी खान-पान के लिए फूड कोर्ट भी बनाया गया है। पर्यटकों को यहां से क्रूज द्वारा अन्य शहरों का भ्रमण करने का भी अवसर मिलेगा।
विशेष रूप से अनुकूल दिव्यांगजन और बुजुर्गों के लिए
नमो घाट को दिव्यांगजनों और बुजुर्गों के लिए भी अनुकूल बनाया गया है। गंगा के तट तक जाने के लिए विशेष रैंप की व्यवस्था है ताकि किसी को कठिनाई न हो।
काशी की धरोहर का सम्मान और मेक इन इंडिया का समर्थन
मंडलायुक्त और स्मार्ट सिटी के अध्यक्ष कौशल राज शर्मा के अनुसार, नमो घाट के पुनर्विकास में “मेक इन इंडिया” और “वोकल फॉर लोकल” का विशेष ध्यान रखा गया है। यह घाट अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं के साथ प्राचीन काशी की सांस्कृतिक धरोहर को भी संजोए हुए है।
डबल इंजन सरकार की पहल
सरकार की इस पहल ने काशी में पर्यटन के क्षेत्र में एक नया आयाम स्थापित किया है। गेबियन और रेटेशनल वॉल से तैयार नमो घाट बाढ़ के समय भी सुरक्षित रहेगा। यहां वाहन पार्किंग की भी सुविधा है, जिससे पर्यटकों को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
क्यों खास है नमो घाट?
- मेटल का 75 फीट ऊंचा नमस्ते स्कल्प्चर
- फ्लोटिंग सीएनजी स्टेशन और बाथिंग कुंड
- हेलीकॉप्टर लैंडिंग की सुविधा
- वाटर स्पोर्ट्स और हेली टूरिज्म
- दिव्यांगजनों के अनुकूल रैंप व्यवस्था
- ओपन थियेटर, कैफेटेरिया और खेल क्षेत्र
नमो घाट का निर्माण वाराणसी के घाटों में नई पहचान जोड़ते हुए इसे विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।