बड़ी फनकारी: जानिए जीवन जीने का सरल हिस्सा, शांति और संतुलन तो बेहद जरूरी
आज के तेज प्रतिस्पर्धात्मक जीवन में अक्सर हम यह भूल जाते हैं कि जीवन का असली आनंद शांति, संतुलन और प्यार में है। समाज की जटिलताओं और बढ़ते दबाव के बीच, जीवन को सरल और सहज तरीके से जीना एक कला बन चुकी है। विशेषज्ञों का मानना है कि जीवन जीने का सबसे सरल हिस्सा वह पल है, जब हम अपनी मानसिक शांति और संतुलन को प्राथमिकता देते हैं।
शहर के मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. सीमा शर्मा कहती हैं, “आजकल लोग लगातार भाग-दौड़ में रहते हैं, लेकिन हमें यह समझने की जरूरत है कि वास्तविक खुशी और संतुलन तब मिलता है जब हम अपने अंदर की शांति को पहचानते हैं। जीवन का असली सुख दूसरों के साथ अच्छे रिश्ते और खुद के साथ सामंजस्य बनाए रखने में है।”
वहीं, एक योग प्रशिक्षक आशीष यादव का कहना है कि शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के बीच संतुलन बनाए रखना जीवन को सरल और खुशहाल बना सकता है।
वह बताते हैं कि रोजाना 15-20 मिनट का योग और प्राणायाम न केवल शारीरिक रूप से स्वस्थ रखता है, बल्कि मानसिक शांति भी प्रदान करता है।
इसके अलावा, एक महत्वपूर्ण पहलू जो जीवन को सरल बनाता है, वह है ‘प्यार और देखभाल’। अपने परिवार, दोस्तों और समाज के प्रति प्यार और सम्मान का भाव जीवन को सार्थक बनाता है। यह भावनात्मक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है और हमें तनाव से मुक्त रहने में सहारा देता है।
वहीं, एक और आवश्यक तत्व जो जीवन को सरल बनाता है, वह है ‘समय का प्रबंधन’। हमें अपने कार्यों और जिम्मेदारियों को इस प्रकार विभाजित करना चाहिए कि हम प्रत्येक कार्य को बिना दबाव और हड़बड़ी के पूरा कर सकें। समय का उचित प्रबंधन न केवल कार्यों को सरल बनाता है, बल्कि यह हमें आत्मनिर्भर और संतुष्ट भी बनाता है।
अंत में, जीवन जीने का सबसे सरल हिस्सा यह है कि हम अपनी प्राथमिकताओं को पहचानें, अपने अंदर की शांति को बनाए रखें और सकारात्मकता को अपने जीवन में हर कदम पर अपनाएं।
इस तरह, जीवन को सहजता से जीना संभव हो सकता है, जिससे न केवल हम खुद खुश रहते हैं, बल्कि हमारे आस-पास के लोग भी इस खुशहाली का अनुभव करते हैं।