जाली नोट तस्करी मामला: महाकुंभ में नोट खपाने की साजिश, गिरोह पर ATS की कड़ी नजर
वाराणसी: सारनाथ इलाके से गिरफ्तार किए गए जाली नोट तस्करों को लेकर जांच तेज हो गई है। आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने मंगलवार को मोहम्मद सुलेमान अंसारी और इदरीश के पास से 1.97 लाख रुपये के जाली नोट बरामद किए थे। जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं।
महाकुंभ में खपाने थे जाली नोट
गिरफ्तार आरोपियों ने पूछताछ में खुलासा किया कि उनका मकसद प्रयागराज के महाकुंभ में उमड़ने वाली भीड़ के बीच जाली नोटों को खपाना था। दोनों पश्चिम बंगाल से जाली नोट लेकर आए थे। एटीएस ने बताया कि यह गिरोह बांग्लादेश से जाली नोट लाकर देश के विभिन्न हिस्सों में सप्लाई करता है।
गिरोह का सरगना और नेटवर्क
मोहम्मद सुलेमान अंसारी ने पूछताछ में स्वीकार किया है कि वह पश्चिम बंगाल के मालदा से जाली नोट लाकर उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सप्लाई करता है। इसके लिए वह एक संगठित गिरोह का नेतृत्व कर रहा था। प्राथमिक जांच में पता चला है कि यह गिरोह बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय तस्करों के संपर्क में है।
ATS की कड़ी कार्रवाई
सूत्रों के मुताबिक, एटीएस इस मामले को लेकर अब गिरोह के अन्य सदस्यों और संपर्क सूत्रों की जानकारी जुटा रही है। पश्चिम बंगाल से लेकर उत्तर प्रदेश तक फैले इस नेटवर्क को ध्वस्त करने की योजना बनाई जा रही है। पुलिस को आशंका है कि यह गिरोह उत्तर प्रदेश के अलावा बिहार और झारखंड जैसे राज्यों में भी सक्रिय हो सकता है।
महाकुंभ से पहले बढ़ी चौकसी
प्रयागराज में अगले साल आयोजित होने वाले महाकुंभ के मद्देनजर पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों ने सतर्कता बढ़ा दी है। जाली नोटों की सप्लाई को लेकर रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों और अन्य संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी की जा रही है।
एटीएस की इस कार्रवाई से स्पष्ट है कि जाली नोट तस्करी का यह नेटवर्क बड़ा है। आने वाले दिनों में और भी खुलासे होने की उम्मीद है।