गुप्ता फैमिली मर्डर केस: रिश्तों की उलझी परतों में लिपटी मौतें, बदले की आग में झुलसा विशाल पुलिस की पहुंच से दूर
वाराणसी: भदैनी इलाके में गुप्ता परिवार के पांच सदस्यों की निर्मम हत्या के मामले में पुलिस के सामने रिश्तों के जटिल पहलू एक-एक कर खुल रहे हैं। हत्या के मुख्य आरोपी विशाल उर्फ विक्की का अब तक कोई सुराग नहीं लग सका है, लेकिन जांच में अब रिश्तों की ऐसी परतें सामने आ रही हैं, जो दिल दहला देने वाली हैं।
पुलिस की छानबीन में पता चला है कि मृतका विशाल की ताई नीतू गुप्ता हर महीने उसे 10,000 रुपये भेजती थीं। दीपावली पर विशाल की चचेरी बहन गौरांगी ने उसे भाई दूज का टीका किया था, लेकिन कुछ ही दिन बाद वही विशाल अपने परिवार पर गोलियां बरसाने का आरोपी बना। क्या कारण थे कि अपनों से इतना जुड़ा हुआ व्यक्ति ऐसा भयानक कदम उठाने से नहीं हिचका?
ऐसा कदम उठाने की कल्पना नहीं कर सकते
विशाल के जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने के लिए पुलिस ने तमिलनाडु में उन लोगों से संपर्क किया, जिनके साथ वह पढ़ाई के दिनों में रहा करता था। वहां के लोगों ने कहा कि पूजा-पाठ में रमने वाला विशाल कभी सामाजिक पार्टियों में भी नहीं जाता था तो इतनी निर्ममता से अपने परिवार को मारने का आरोप उस पर कैसे लग सकता है?
अनुप्रिया के विवाह में राजेंद्र गुप्ता का झूठ सामने आया
जांच में चौंकाने वाला एक और पहलू सामने आया कि अनुप्रिया के पति को राजेंद्र गुप्ता ने झूठ बताया था कि उसके माता-पिता एक दुर्घटना में मारे गए हैं और वह और नीतू गुप्ता ही उसके संरक्षक हैं। इस रहस्य का खुलासा भी पांच हत्याओं के मामले के बाद ही हो सका, जिससे इस हत्या कांड में कई अज्ञात प्रश्न उभर रहे हैं।
विशाल की अनुपस्थिति और ऑनलाइन गिफ्ट ने जगाई उम्मीदें, मगर अंत मौत तक पहुंची
विशाल ने अनुप्रिया की शादी में न आने का फैसला किया था, महीने-दो महीने में उसे फोन करके उससे जुड़ा रहता था। हाल में उसने ऑनलाइन मिठाई भेजी थी, लेकिन दीवाली के भाई दूज से चंद दिन बाद ही परिवार को गोलियों से छलनी करने का संगीन आरोप उसी पर आ गया।
चार संदिग्ध हिरासत में, पूजा-पाठ कराने वाले निकले
पुलिस ने मुंबई से चार संदिग्धों को पकड़कर पूछताछ की, लेकिन जांच में पाया कि सभी पूजा-पाठ कराने वाले हैं। इनमें से एक भदैनी स्थित मकान में भी नीतू गुप्ता के साथ रहता था, जिसने उनके सौम्य व्यवहार के बारे में बताया।
हत्याकांड की भीषणता: परिवार के शव बिखरे थे, राजेंद्र का शव निर्माणाधीन मकान में मिला था
पांच नवंबर की रात का वह नजारा दिल दहला देने वाला था। गुप्ता परिवार के सदस्यों के शव अलग-अलग कमरों और बाथरूम में खून से लथपथ पड़े थे। पहले पुलिस को शक था कि यह राजेंद्र गुप्ता का काम है, लेकिन बाद में उसका शव 10 किलोमीटर दूर निर्माणाधीन मकान में मिला। इसके बाद से पुलिस का संदेह विशाल पर केंद्रित हो गया है।
आरोपी विशाल की गिरफ्तारी ही खोलेगी राज, पुलिस पर दबाव बढ़ा
पुलिस का मानना है कि विशाल की गिरफ्तारी इस हत्याकांड के असली कारणों को उजागर कर सकती है। अब सवाल यही है कि क्या यह निर्मम हत्याकांड बदले की आग में झुलस रहे एक बेटे का काम है, जिसने अपने माता-पिता की मौत का जिम्मेदार राजेंद्र गुप्ता को माना?