बात कहूं मैं खरी: Facebook पर हुई दोस्ती ने बनाया रिश्तों का नया मॉडल, लाइक से लेकर ब्लॉक तक का सफर
व्यंग्य
सोशल मीडिया के इस युग में दोस्ती का परिभाषा भी बदल गई है। पहले जहां दोस्ती गली के नुक्कड़ या कॉलेज कैंटीन में होती थी, वहीं अब यह “फेसबुक फ्रेंड रिक्वेस्ट” से शुरू होकर “लाइक” और “कमेंट” पर टिकी होती है। ताजा मामला मेरे मोल्ले वाले मोहन जी और शर्माइन जी का है, जिनकी दोस्ती फेसबुक पर एक आम पोस्ट से शुरू हुई, लेकिन अब रिश्तों का ड्रामा “रिलेशनशिप स्टेटस” से होते हुए “ब्लॉक” पर खत्म हो गया।
फ्रेंड रिक्वेस्ट से “फ्रेंडशिप” तक
मोहन जी ने जब पहली बार शर्माइन जी को फेसबुक पर देखा तो दिल से ज्यादा, उंगलियां तेजी से काम करने लगीं। बिना वक्त गंवाए, उन्होंने “फ्रेंड रिक्वेस्ट” भेज दी, और उन्ने ने दो मिनट बाद ही उसे स्वीकार कर लिया। इसका मतलब था कि दोस्ती की पहली सीढ़ी तय हो गई। दोनों के बीच बातचीत का सिलसिला बढ़ा, रोज़ “गुड मॉर्निंग” और “गुड नाइट” मेसेज आने लगे।
“लाइक” का बढ़ता प्यार
शर्माइन जी की हर पोस्ट पर मोहन जी का पहला “लाइक” जाना तो जैसे अनिवार्य सा हो गया था। पोस्ट चाहे बिल्लियों की तस्वीर हो या सनसेट की, मोहन जी की प्रतिक्रिया हमेशा वही रहती—”वाओ, सो ब्यूटीफुल!” वहीं शर्माइन जी भी पीछे नहीं रहीं। मोहन जी के हर खाना खा रहे फोटो पर उनका कमेंट- “यम्मी!”
“हाहा” से “सदमा” तक
बात तब बिगड़ी जब शर्माइन जी ने मोहन जी की एक फोटो पर हंसी वाली इमोजी (“हाहा”) डाल दिया। मोहन जी का दिल जैसे टूट गया। उनके लिए यह इमोजी किसी तीर से कम नहीं थी। उन्होंने तुरंत शर्माइन जी को मैसेज किया- “क्या हुआ? हंसी क्यों?” जवाब आया, “कुछ नहीं, फोटो क्यूट लगी।” लेकिन मोहन जी को यह बात समझ नहीं आई और उन्होंने इसे रिश्ते का अपमान समझ लिया।
“रिलेशनशिप स्टेटस” का उलझाव
कुछ ही दिनों बाद शर्माइन जी ने अपने “रिलेशनशिप स्टेटस” को “इट्स कॉम्प्लिकेटेड” में बदल दिया। मोहन जी की दुनिया में भूचाल आ गया। “कौन है वो?” उन्होंने तुरंत मेसेज किया। शर्माइन जी ने जवाब नहीं दिया, बस एक हंसता हुआ GIF भेज दिया। मोहन जी की ईर्ष्या चरम पर पहुंच गई और उन्होंने अंततः फैसला किया- “अब बस।”
ब्लॉकिंग का त्रासद अंत
आखिरकार, मोहन जी ने शर्माइन जी को “ब्लॉक” कर दिया। उनके रिश्ते की उम्र फेसबुक के “मेमोरीज” सेक्शन में सिमट कर रह गई। दोनों ने एक दूसरे की प्रोफाइल से तो दूरी बना ली, लेकिन इस रिश्ते ने यह दिखा दिया कि फेसबुक की दोस्ती भी उसी तरह जटिल हो सकती है जैसे असल जिंदगी की।
मुश्किल
फेसबुक पर दोस्ती करना जितना आसान है, उसे निभाना उतना ही मुश्किल। “लाइक” और “कमेंट” के जरिए रिश्ते चलाना नई पीढ़ी का चुनौतीपूर्ण है, और इसका अंत कब “फ्रेंडशिप” से “ब्लॉक” तक पहुंच जाए, कहा नहीं जा सकता।
नोट- इस व्यंग्य के दोनों कैरेक्टर काल्पनिक हैं।