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डॉक्टर और मरीज: अगर दवाई से ठीक नहीं हुआ तो दूसरी दवाई शुरू करेंगे

व्यंग्य

डॉक्टर और मरीज के बीच का रिश्ता हमेशा एक रहस्य बना रहता है। डॉक्टर को लगता है कि वह मेडिकल के मास्टर हैं। मरीज को लगता है कि वे फंस गए, क्योंकि अब उनके पास डॉक्टर साहब की गहरी नजरों का जाल है।

मरीज का उत्साह


मरीज डॉक्टर के पास जाता है, मुंह में “मैं जल्दी ठीक हो जाऊंगा” का मंत्र लेकर। लेकिन जैसे ही डॉक्टर साहब की कुर्सी पर बैठता है तो उसे लगता है कि “मुझे शायद यहां एंटरटेनमेंट का कुछ खास मिलेगा।” फिर डॉक्टर साहब शुरू करते हैं, “अच्छा तो आपको सिर में दर्द है? क्या आपने दिन में पानी पीने की कोशिश की है?” मरीज सोचता है, “क्या? क्या सिर में पानी पीने से दर्द ठीक हो जाएगा?”

डॉक्टर की मशहूर सलाहें


अब डॉक्टर साहब मरीज को कहते हैं, “आपको अपने खाने-पीने का ध्यान रखना चाहिए!” मरीज सिर झुकाकर सोचता है, “अच्छा, तो क्या अब मुझे सब्जियां खानी होंगी?” डॉक्टर फिर बोले, “हां, हरी सब्जी खाओ, फल खाओ, और खूब पानी पीओ!” मरीज गहरी सांस लेते हुए कहता है, “सिर्फ हरी सब्जी और फल से ही मेरी तकलीफ का इलाज हो जाएगा?” डॉक्टर साहब का भरोसा होता है, “यह तो मेडिकल साइंस की बेहतरीन सिफारिश है।”

दवाई का जादू

मरीज को डॉक्टर साहब ने जो दवाई दी है, वह किसी जादू से कम नहीं होती। मरीज सोचता है, “कभी तो जादू होगा।” और जैसे ही दवाई खाता है, वह अगले दिन डॉक्टर के पास जाता है। डॉक्टर कहते हैं, “ठीक है, अगर दवाई से ठीक नहीं हुआ, तो दूसरी दवाई शुरू करेंगे।” मरीज सोचता है, “क्या मैं अब सुपरमैन बनने जा रहा हूं, या डॉक्टर साहब मेरे ऊपर कुछ और जादू आजमाना चाहते हैं?”

फिर वही सवाल


मरीज को एक सवाल हमेशा सताता है, “क्या डॉक्टर की दवाई सच में काम करती है, या ये बस एक सोने की हुमान रिसर्च है?” लेकिन मरीज क्या जाने, डॉक्टर को दवाई के साथ-साथ नए अनुभव भी मिलते हैं, जैसे मरीज का नया प्रॉब्लम, उनका नया इलाज, और उन्हें सुनाने के लिए नए जोक्स।

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