कुल्चा-छोले: बनारस का नया फूड ट्रेंड, युवाओं का बना पहला प्यार
वाराणसी: काशी की गलियों में अब सिर्फ पान और कचौड़ी नहीं, बल्कि कुल्चा-छोले का स्वाद भी धूम मचा रहा है। पंजाब के इस लोकप्रिय व्यंजन ने बनारस के युवाओं का दिल जीत लिया है। खासकर कॉलेज जाने वाले युवाओं और परिवारों के बीच कुल्चा-छोले का क्रेज़ हर दिन बढ़ता ही जा रहा है। कुल्चे की मुलायम बनावट और मसालेदार छोले की जुगलबंदी हर किसी को अपनी ओर खींच रही है।
फूड स्ट्रीट्स और नए आउटलेट्स की पहली पसंद
वाराणसी के लंका, गोदौलिया, अस्सी और नमो घाट पर विराशो रेस्टोरेंट जैसे प्रमुख स्थानों पर कुल्चा-छोले के कई नए आउटलेट्स खुल चुके हैं। जगह-जगह छोटे स्टॉल्स से लेकर बड़े रेस्टोरेंट्स तक इसे मेनू का हिस्सा बना रहे हैं। कुल्चा-छोले न केवल सस्ता है बल्कि पेट भरने वाला और स्वाद से भरपूर भी है, जो इसे हर वर्ग के बीच लोकप्रिय बना रहा है।
स्वाद में खास: पंजाब से बनारस तक का सफर
पंजाब के पारंपरिक फ्लेवर और मसालों के साथ तैयार होने वाले कुल्चा-छोले को अब बनारसी स्टाइल में भी ढाला जा रहा है। कुछ आउटलेट्स ने इसमें पुदीना चटनी, प्याज, और हरी मिर्च का टच जोड़कर इसे खास बनारसी अंदाज दिया है। स्थानीय मसालों का तड़का डालकर यह स्वाद अब और भी लाजवाब हो गया है।
कुल्चा-छोले की बढ़ती लोकप्रियता
सोशल मीडिया पर कुल्चा-छोले की फूड रील्स और तस्वीरें वायरल हो रही हैं। युवा वर्ग इसके अनोखे स्वाद और पौष्टिकता के कारण इसे फास्ट फूड की जगह हेल्दी स्नैक मान रहे हैं। सप्ताहांत पर दोस्ती की महफिल हो या परिवार संग बाहर घूमना, कुल्चा-छोले बनारस में नई पसंद बनकर उभर रहे हैं।
फूड ब्लॉगर और पर्यटन का आकर्षण
फूड ब्लॉगर्स और पर्यटक भी इसे वाराणसी की खासियत के रूप में प्रमोट कर रहे हैं। विदेशी पर्यटकों को भी कुल्चा-छोले का स्वाद खूब भा रहा है, जिससे बनारस के कुल्चा-छोले ने अपनी जगह ग्लोबल मैप पर बना ली है।
कुल मिलाकर, बनारस का यह नया फूड ट्रेंड न सिर्फ शहरवासियों बल्कि बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी स्वाद का एक नया सफर बन गया है।