नवरात्रि में भगवती का प्रिय भोग: श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक, इन भोगों का विशेष महत्व
वाराणसी: नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की उपासना का विशेष अवसर है। इस दौरान भक्तजन अपनी श्रद्धा से भगवती को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित करते हैं। इन भोगों का विशेष महत्व है और इनमें से कुछ भोग देवी के प्रिय माने जाते हैं। आइए जानते हैं कि नवरात्रि में भगवती को कौन से भोग प्रिय हैं:
1. नवधान्य
नवरात्रि में नवधान्य (नौ प्रकार के अनाज) का विशेष महत्व है। यह देवी के लिए एक शुभ भोग माना जाता है। इसमें गेहूं, चना, जौ, मक्का, बाजरा, मूंग, उड़द, चावल और किडनी बीन्स शामिल होते हैं। इन अनाजों को एक साथ मिलाकर देवी को अर्पित किया जाता है।
2. सिद्धि विनायक का भोग
सिद्धि विनायक की पूजा के दौरान विशेष रूप से चिरौंजी, सूखे मेवे, और मिठाईयों का भोग अर्पित किया जाता है। यह भोग देवी को प्रसन्न करने के लिए अति शुभ माना जाता है।
3. मिठाई
नवरात्रि में विशेष रूप से तैयार की गई मिठाइयाँ, जैसे कि काजू की बर्फी, बेसन लड्डू, और गुड़ की चिउड़े, भगवती को प्रिय होती हैं। यह मिठाइयाँ विशेष रूप से भक्ति और श्रद्धा से बनानी चाहिए।
4. फल और मेवे
भगवती को ताजे फलों का भोग अर्पित करना भी महत्वपूर्ण है। आम, केला, सेब, नारियल और अनार जैसे फलों को विशेष रूप से पसंद किया जाता है। इन फलों का भोग अर्पित करते समय ध्यान रखें कि फल ताजे और साफ-सुथरे हों।
5. खीर
खीर, जो चावल, दूध और चीनी से बनाई जाती है, नवरात्रि में देवी को अर्पित किया जाने वाला एक महत्वपूर्ण भोग है। इसे विशेष पूजा के अवसर पर बनाया जाता है और यह देवी को प्रसन्न करने का एक उत्कृष्ट साधन है।
6. नवमी को कन्याओं को भोग
नवमी के दिन कन्याओं को भोग अर्पित करना भी एक महत्वपूर्ण परंपरा है। इस दिन कन्याओं को खीर, पूरी, आलू की सब्जी, और मिठाई का भोग अर्पित किया जाता है। यह न केवल देवी का आशीर्वाद प्राप्त करने का एक साधन है, बल्कि कन्याओं का सम्मान भी करता है।
हृदय की शुद्धता
नवरात्रि में भगवती को भोग अर्पित करने का महत्व केवल भक्ति तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे मन और हृदय की शुद्धता का भी प्रतीक है। भक्तजन अपने सच्चे मन से जो भी भोग अर्पित करते हैं, वह देवी माँ के प्रति उनकी श्रद्धा को दर्शाता है। इन भोगों के माध्यम से हम माँ दुर्गा से सुख, शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। नवरात्रि के इस पावन पर्व पर, हमें चाहिए कि हम इन भोगों को श्रद्धा और समर्पण के साथ अर्पित करें।