उत्तर प्रदेश दिल्ली धर्म-कर्म पूर्वांचल वाराणसी सबसे अलग 

नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन: ध्यान देने योग्य बातें, इस तरह की गलती बिल्कुल ना करें

वाराणसी: नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की उपासना का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जहां न केवल देवी का स्वागत किया जाता है, बल्कि समाज में कन्या भ्रूण हत्या और महिलाओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने का संदेश भी दिया जाता है। कन्या पूजन के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

1. कन्याओं का चयन

  • नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन में 2 से 10 वर्ष की कन्याओं का पूजन किया जाता है।
  • चयनित कन्याएं स्वस्थ, खुशहाल और खुशमिजाज होनी चाहिए।

2. साफ-सफाई का ध्यान

  • पूजन स्थल की स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें। साफ-सुथरे वातावरण में कन्याओं का स्वागत करना चाहिए।
  • कन्याओं को स्नान करवा कर साफ वस्त्र पहनाकर बुलाना अधिक शुभ होता है।

3. कन्याओं को आदर देना

  • कन्याओं का स्वागत करते समय उन्हें आदर और प्रेम के साथ बुलाएं।
  • पूजन के दौरान उनके प्रति सम्मान व्यक्त करें, जिससे उन्हें विशेष महसूस हो।

4. अभिषेक और पूजा सामग्री

  • कन्याओं के पूजन के लिए उचित सामग्री जैसे फल, मिठाई, चूड़ियां, वस्त्र, आभूषण इत्यादि का चयन करें।
  • पूजा में फूल, दीप, धूप, और नैवेद्य का प्रयोग करें।

5. प्रसाद का वितरण

  • कन्या पूजन के बाद उन्हें विशेष प्रकार का प्रसाद अवश्य भेंट करें। यह उनकी खुशी और आशीर्वाद का प्रतीक होता है।
  • उनके साथ प्रेमपूर्वक व्यवहार करें और उन्हें सम्मान दें।

6. धार्मिक अनुष्ठान

  • पूजन के समय विधिपूर्वक अनुष्ठान करें। माता दुर्गा की स्तुति करते समय पूरी श्रद्धा से पूजा अर्चना करें।
  • मंत्रों का उच्चारण सही ढंग से करें और समर्पण के साथ पूजा करें।

7. सकारात्मक वातावरण

  • कन्या पूजन के दौरान सकारात्मकता का माहौल बनाएं। हंसमुख और सकारात्मक बातें करें, ताकि कन्याएं भी खुश रहें।
  • पूजा स्थल को रंग-बिरंगे फूलों और सजावट से सजाएं।

8. भोजन का प्रबंध

  • कन्याओं के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था करें। उन्हें मिठाई, फल और अन्य स्वादिष्ट व्यंजन परोसें।
  • भोजन के बाद उनकी सेवा का विशेष ध्यान रखें।

फलदायक

कन्या पूजन न केवल नवरात्रि का एक महत्वपूर्ण भाग है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और श्रद्धा को भी दर्शाता है। इस दौरान यदि हम उपरोक्त बातों का ध्यान रखते हैं, तो यह पूजा अधिक फलदायक और संपूर्ण बनती है। देवी माँ का आशीर्वाद प्राप्त करने का यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो हमें कन्याओं की अहमियत को समझने का भी अवसर देता है।

Related posts