योगी सरकार ने बढ़ाई रफ्तार: चाइना के उत्पादों को चुनौती दे रहा कुंभकारों के हाथ का हुनर
वाराणसी: दीपावली पर भारतीय परंपराओं और संस्कृति को नई रोशनी दे रहे हैं वाराणसी के कुंभकार, जिनकी चाक की रफ्तार को योगी सरकार ने बढ़ावा दिया है। सरकार द्वारा उपलब्ध कराए गए इलेक्ट्रिक सोलर चाक और दिए गए प्रशिक्षण ने कुंभकारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया है।
चाइना के उत्पादों को टक्कर देने वाले इन कुंभकारों के हस्तशिल्प में लगभग 80 प्रतिशत योगदान महिलाओं का है, जो दीपावली के लिए डिज़ाइनर और इको-फ्रेंडली दीयों की मांग को पूरा करने में जुटी हैं। ऑनलाइन माध्यम से भी बड़ी मात्रा में ऑर्डर मिल रहे हैं, जिससे कुंभकारी से जुड़े परिवार आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं।
दीयों की बढ़ी मांग से बढ़ी आय, मिला आत्मनिर्भरता का सहारा
कुंभकारों के बनाए मिट्टी के दीये न केवल घरों में रोशनी फैला रहे हैं बल्कि उनके जीवन में भी उजाला ला रहे हैं। क्लस्टर के संचालक और काशी पॉटरी के महासचिव राजेश त्रिवेदी के अनुसार, उन्हें करीब 5 लाख दीयों के ऑर्डर मिले हैं, जिनके उत्पादन में इलेक्ट्रिक सोलर चाक और अन्य उपकरणों की अहम भूमिका है।
क्लस्टर में लगभग 500 कारीगर प्रतिदिन 40,000 से 50,000 दीये बना रहे हैं। विशेष अवसर पर एक महिला प्रतिदिन 1200 रुपये तक की कमाई कर रही है, जो सामान्य दिनों के मुकाबले काफी अधिक है। वाराणसी के 1500 से अधिक परिवार इस कला में संलग्न हैं, जिनमें से अधिकांश महिलाएं हैं, जो अपने परिवार की आर्थिक स्थिति में सहयोग कर रही हैं।
कुंभकारों का कहना है कि सरकार से मिले इलेक्ट्रिक सोलर चाक ने बिजली के बिल की बचत में भी मदद की है और समय पर ऑर्डर पूरे करने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं।
इनकी बात
“पहले बाजार पर चाइनीज उत्पादों का कब्जा था, मगर योगी सरकार के प्रयासों से लोकल उत्पादों को नया जीवन मिला है। अब हमारे डिजाइनर दीये लोगों के घरों को रोशन कर रहे हैं।”
- अंजू, कुंभकारी की कारोबारी
“सरकार से मिले इलेक्ट्रिक सोलर चाक से बिजली की बचत हो रही है, और ऑर्डर भी समय पर पूरे हो रहे हैं। हमें दीयों को सुरक्षित पैक करने, रंगने और पकाने का भी प्रशिक्षण मिला है।”
- विकास प्रजापति, कुंभकार
योगी सरकार की नीतियों से प्रेरित होकर कुंभकार आज आत्मनिर्भर होकर अपनी कला को दुनिया के सामने पेश कर रहे हैं।