महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा: पुलिस आयुक्त ने निडर के समापन समारोह में की शिरकत, बोले- किसी भी तरह के अपराध पर चुप्पी न साधें
वाराणसी: महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा, सम्मान और सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे “मिशन शक्ति” अभियान के अंतर्गत पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने संत एक महाविद्यालय में “निडर” कार्यक्रम के समापन समारोह में भाग लिया।
यह कार्यक्रम महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन (WCSO) द्वारा 24 से 28 सितंबर तक आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को रोकना और महिलाओं को आत्मसुरक्षा के प्रति जागरूक करना था।
समारोह में पुलिस आयुक्त ने उपस्थित छात्राओं और महिलाओं से अपील की कि वे किसी भी प्रकार के अपराध या छेड़खानी के मामलों में चुप्पी न साधें। अपराधी की शिकायत न करने पर उसका हौसला बढ़ता है, जिससे भविष्य में वह गंभीर अपराधों को अंजाम दे सकता है।
पुलिस आयुक्त ने कहा कि महिलाएं 1090 या 112 पर किसी भी अपराध की शिकायत दर्ज करा सकती हैं। उनके मामलों की सुनवाई महिला पुलिस कर्मी द्वारा ही की जाएगी। 1090 पर कॉल करने से घर बैठे ही कार्रवाई हो जाती है, जबकि 112 पर कॉल करने पर पुलिस की गाड़ी 7-8 मिनट में मदद के लिए पहुंच जाती है।
स्कूलों में सुरक्षा के लिए निर्देश
पुलिस आयुक्त ने स्कूलों के प्रबंधन को निर्देश दिया कि वे स्कूलों के गेट, आने वाले रास्तों और स्कूल बसों में सीसीटीवी कैमरे लगवाएं, जिससे छेड़खानी और अपराध की घटनाओं पर कड़ी निगरानी रखी जा सके। साथ ही, स्कूलों में शिकायत पेटिका लगाने का भी निर्देश दिया गया, ताकि छात्राएं अपनी पहचान छिपाकर अपनी समस्याएं प्रबंधन तक पहुंचा सकें।
साइबर अपराधों से बचाव पर जोर
पुलिस आयुक्त ने वर्तमान में बढ़ रहे साइबर अपराधों से बचने के उपायों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों को बताया कि कैसे साइबर अपराधी फर्जी पुलिस अधिकारी बनकर वीडियो कॉल के माध्यम से लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बना रहे हैं।
ऐसे मामलों में लोग खुद को “डिजिटली गिरफ्तार” समझ कर डर जाते हैं और अपने बैंक खातों से धनराशि ट्रांसफर कर देते हैं। पुलिस आयुक्त ने यह भी चेतावनी दी कि साइबर अपराधी लॉटरी, गिफ्ट, और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का लालच देकर लोगों को ठगने के प्रयास कर रहे हैं।
CP ने किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करने और OTP, PIN, या CVV जैसे संवेदनशील जानकारी को किसी के साथ साझा न करने की सलाह दी। साइबर धोखाधड़ी होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन पर संपर्क करने की हिदायत दी गई। यदि 2-3 घंटे के भीतर शिकायत दर्ज हो जाती है, तो धन की वापसी की संभावना रहती है।
महिलाओं की सुरक्षा के लिए उठाए गए विशेष कदम
पुलिस आयुक्त ने बताया कि मिशन शक्ति अभियान के तहत वाराणसी पुलिस द्वारा महिला सुरक्षा और अपराधों की रोकथाम के लिए कई अहम कदम उठाए जा रहे हैं। इनमें 1090 महिला हेल्पलाइन, 112 पुलिस हेल्पलाइन, 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन और साइबर हेल्पलाइन 1930 जैसे महत्वपूर्ण हेल्पलाइन नंबरों का सुचारू संचालन शामिल है, जिससे महिलाएं और बच्चे तुरंत सहायता प्राप्त कर रहे हैं।
महिला अपराधों पर नियंत्रण के लिए पीआरवी 112 की गाड़ियां 24 घंटे, दिन-रात गश्त पर रहती हैं, जिसमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल होती हैं। इसके अलावा, महिला थाने और 17 पिंक बूथ्स भी स्थापित किए गए हैं, जहां महिलाएं अपनी शिकायत दर्ज कर सकती हैं।
एंटी रोमियो स्क्वॉड की सक्रियता
कमिश्नरेट के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्क के साथ-साथ एंटी रोमियो टीमों की भी तैनाती की गई है। कुल 31 एंटी रोमियो टीमें स्कूलों, कॉलेजों, पार्कों, भीड़भाड़ वाले चौराहों और मॉल्स जैसे सार्वजनिक स्थलों पर सक्रिय रहती हैं, ताकि किसी भी प्रकार के उत्पीड़न या छेड़खानी की घटनाओं को रोका जा सके।
महिला बीट पुलिस अधिकारी और शक्ति दीदी प्रोजेक्ट
मिशन शक्ति के तहत “शक्ति दीदी प्रोजेक्ट” की शुरुआत की गई है, जिसमें महिला बीट अधिकारी अपने क्षेत्रों में महिलाओं को जागरूक करने के लिए काम करती हैं। वाराणसी में कुल 128 महिला बीट बनाई गई हैं, जिसमें 247 महिला बीट आरक्षी तैनात हैं। यह महिला अधिकारी महिलाओं से संवाद स्थापित कर उन्हें सुरक्षा के प्रति जागरूक करती हैं।
सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शहर के 37,345 डार्क स्पॉट्स पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। साथ ही, थानों और स्कूलों के क्लासरूम एवं बाथरूम के बाहर भी सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि महिलाओं की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएं।
समन्वय से अपराध पर नियंत्रण
पुलिस और स्थानीय नागरिकों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित कर अपराध की रोकथाम के प्रयास किए जा रहे हैं। महिलाओं को आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण देने के निर्देश भी शासन द्वारा जारी किए गए हैं। महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों में वैधानिक कार्यवाही को दो महीने के भीतर पूरा करने और साक्षी सुरक्षा योजना के तहत पीड़िता को सुरक्षा प्रदान करने की नीति भी लागू की गई है।
समारोह के अंत में पुलिस आयुक्त ने उपस्थित छात्र-छात्राओं और शिक्षकों से महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में सहयोग करने की अपील की और महिला सशक्तिकरण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।