धर्म-कर्म वाराणसी सबसे अलग 

नवरात्र में करें इन चीजों का दान: मिलेगा विशेष पुण्य, सुख-समृद्धि की बरसात होगी, जानिए महत्व

वाराणसी: शारदीय नवरात्र का समय माता दुर्गा की उपासना और साधना का महत्वपूर्ण पर्व है। इस दौरान भक्तजन माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त करने के लिए उपवास, पूजा-अर्चना, और दान जैसे शुभ कार्य करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्र के दौरान दान करने से विशेष पुण्य फल की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, नवरात्र में किन चीजों का दान करना चाहिए और उनका महत्व क्या है।

नवरात्र में इन चीजों का दान करना शुभ माना जाता है:

  1. अन्न (खाद्य पदार्थ): नवरात्र के दिनों में जरूरतमंदों को भोजन कराना अत्यंत पुण्यदायक माना गया है। विशेष रूप से गेहूं, चावल, और अन्य अनाजों का दान करने से माँ दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और घर में समृद्धि बनी रहती है।
  2. वस्त्र दान: माता दुर्गा की आराधना के इस पावन पर्व पर गरीबों और जरूरतमंदों को वस्त्रों का दान करना अत्यधिक शुभ माना जाता है। खासतौर पर सफेद या लाल रंग के वस्त्रों का दान करना लाभकारी होता है, जिससे परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
  3. सात्विक आहार: शास्त्रों के अनुसार, सात्विक आहार जैसे फल, सब्जी, और सूखे मेवे का दान भी उत्तम फलदायी होता है। नवरात्र के दौरान मंदिरों या गरीबों को ये चीजें दान करने से माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  4. गाय का दान: नवरात्रि के पावन अवसर पर गौदान (गाय का दान) करने की परंपरा भी बहुत ही पुण्यदायक मानी जाती है। गाय को दान करना भारतीय संस्कृति में अत्यंत शुभ कार्यों में से एक माना गया है।
  5. कन्याओं को भोजन और दक्षिणा: अष्टमी और नवमी के दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। इन दिनों में कन्याओं को भोजन कराना और दक्षिणा देना पुण्य का कार्य माना जाता है। इसके साथ ही उन्हें वस्त्र, श्रृंगार सामग्री, और भोजन का दान करने से माँ दुर्गा की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
  6. सिंदूर और सुहाग सामग्री का दान: विवाहित महिलाओं को सुहाग सामग्री जैसे चूड़ी, बिंदी, कुमकुम आदि का दान करना नवरात्रि के दौरान विशेष फलदायी माना जाता है। यह दान सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला होता है।
  7. जल और छाता: नवरात्र के दौरान जल दान और छाता दान करने से भी पुण्य की प्राप्ति होती है। यह विशेष रूप से गर्म क्षेत्रों में अत्यधिक उपयोगी है और इसका महत्व भारतीय समाज में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

दान के नियम:

  • दान हमेशा पवित्र और श्रद्धाभाव से करना चाहिए।
  • दान करते समय मन में कोई अहंकार या दिखावा नहीं होना चाहिए।
  • योग्य और जरूरतमंद व्यक्ति को ही दान दें, जिससे दान का फल अधिक मिलता है।

नवरात्र में दान करने का उद्देश्य समाज में सद्भावना और समृद्धि को बढ़ावा देना है। माँ दुर्गा की उपासना के इस पावन अवसर पर दान करने से न सिर्फ व्यक्ति का जीवन सुखमय होता है, बल्कि वह समाज में भी एक सकारात्मक बदलाव लाने में सहायक होता है।

Related posts