नवरात्र और दीपावली पर Yogi सरकार का बड़ा तोहफा: किसानों के खातों में आएंगे करोड़ों रुपये, जारी होने जा रही 18वीं किस्त
वाराणसी: योगी सरकार ने किसानों के लिए एक और राहत का ऐलान किया है। नवरात्र और दीपावली के अवसर पर भाजपा की डबल इंजन सरकार किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (PM-Kisan) के तहत 5 अक्टूबर को 18वीं किस्त जारी करने जा रही है। इस किस्त से पूर्वांचल के लाखों किसानों को करोड़ों रुपये का फायदा मिलेगा। यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने में मददगार साबित होगा।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक 17 किस्तों में वाराणसी मंडल के 19,17,539 किसानों के खातों में कुल 4895.79 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं। यह योजना उन किसानों के लिए वरदान साबित हो रही है, जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं और खेती-बाड़ी में सहायता चाहते हैं।
योगी सरकार किसानों की संकटमोचन
योगी सरकार ने हमेशा किसानों के हित में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। प्राकृतिक आपदाओं से लेकर आर्थिक चुनौतियों तक, हर मुश्किल में सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी रहती है। पीएम किसान सम्मान निधि योजना से किसानों को सालाना 6000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है, जिसे 2000 रुपये की तीन समान किस्तों में बांटा जाता है।
वाराणसी मंडल के उप कृषि निदेशक ए.के. सिंह ने बताया कि 5 अक्टूबर को 18वीं किस्त जारी की जाएगी, जिससे वाराणसी, चंदौली, जौनपुर और गाजीपुर के लाखों किसान लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत, अब तक 19 लाख से अधिक किसानों के खातों में करीब 4895.79 करोड़ रुपये जमा किए जा चुके हैं।
वाराणसी मंडल के किसानों को मिलेगी बड़ी सौगात
वाराणसी मंडल के चार जिलों में लाभान्वित किसानों का विवरण
जिला | लाभान्वित किसानों की संख्या | कुल राशि (करोड़ रुपये में) |
---|---|---|
वाराणसी | 2,84,146 | 746.29 |
गाजीपुर | 5,17,879 | 1357.88 |
चंदौली | 2,49,849 | 671.62 |
जौनपुर | 8,65,665 | 2120.00 |
इस प्रकार, वाराणसी मंडल के चार जिलों के लाखों किसानों को अब तक करोड़ों रुपये की सौगात दी जा चुकी है। यह योजना किसानों की खेती और अन्य जरूरतों को पूरा करने में अत्यधिक मददगार साबित हो रही है, और आगामी किस्त से किसानों को नई ऊर्जा और आर्थिक राहत मिलेगी।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का यह कदम न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक है, बल्कि इसे किसानों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास भी माना जा रहा है।