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शारदीय नवरात्रि 2024: चौथे दिन माता कूष्मांडा को लगाएं मालपुए का भोग, समृद्धि प्रदान करती हैं भगवती

वाराणसी: नवरात्र के चौथे दिन माता कूष्मांडा की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन देवी को मालपुए का भोग लगाने से विशेष कृपा प्राप्त होती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मां कूष्मांडा, जो अपनी हल्की मुस्कान से ब्रह्मांड की रचना करने वाली देवी मानी जाती हैं, भक्तों को स्वास्थ्य, समृद्धि और शक्ति प्रदान करती हैं।

मालपुए का भोग: सुख-समृद्धि और स्वास्थ्य का प्रतीक

मालपुए मीठे और स्वादिष्ट होते हैं, जो देवी को प्रसन्न करने के लिए सर्वोत्तम माने जाते हैं। इसे घी में तला जाता है और चीनी की चाशनी में डुबोकर माता को अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि माता को मालपुए अर्पित करने से न केवल शारीरिक बल प्राप्त होता है, बल्कि सुख-समृद्धि और वैभव का भी आशीर्वाद मिलता है।

भोग का महत्व

कहा जाता है कि मां कूष्मांडा का भोग विशेष रूप से गृहस्थ जीवन में समृद्धि और खुशहाली लाता है। साथ ही, यह भक्तों के मन को शांति और संतोष भी प्रदान करता है।

पूजन विधि

माता को मालपुए का भोग अर्पित करते समय लाल वस्त्र धारण करें, और ध्यानपूर्वक माँ की आराधना करें। इसके बाद, मालपुए को अपने परिवार के साथ बांटकर ग्रहण करें। यह प्रसाद न केवल शरीर को तृप्त करता है, बल्कि आत्मा को भी संतोष प्रदान करता है।

इस नवरात्रि, चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुए का भोग अर्पित कर, देवी की विशेष कृपा प्राप्त करें और अपने जीवन में सुख-समृद्धि का आनंद लें।

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