ग्रामीण क्रांति का डिजिटल कमांड: विकास का नया अध्याय, हर खेत को सिंचाई और घर को जल
योगी सरकार की निगरानी से ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई और पेयजल आपूर्ति में बड़ा सुधार
तालाबों का पुनरुद्धार, नलकूपों की मरम्मत और जल संरक्षण योजनाओं से गांवों में लौटी हरियाली
वाराणसी: ग्रामीण विकास में नया इतिहास रचते हुए योगी सरकार के मार्गदर्शन में वाराणसी में “रूरल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर” की स्थापना ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की रफ्तार को नई दिशा दी है। सिंचाई से लेकर स्वच्छ पेयजल तक की समस्याओं को जड़ से समाप्त करने के उद्देश्य से काम कर रहे इस सेंटर ने तालाबों का पुनर्जीवन, नलकूपों की मरम्मत, ड्रेनों की सफाई और जल संरक्षण के महत्वपूर्ण कार्यों को अंजाम दिया है।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल ने बताया कि यह सेंटर सरकार की योजनाओं को तेजी से लागू करने, समस्याओं को तुरंत हल करने और हर स्तर पर विकास कार्यों की प्रगति सुनिश्चित करने के लिए एक अत्याधुनिक मंच के रूप में कार्य कर रहा है।
“रूरल कमांड एंड कंट्रोल सेंटर” की प्रमुख उपलब्धियां
- तालाबों का पुनर्जीवन: गर्मियों में सूखे 212 तालाबों में से 147 को पानी से भरा गया, जबकि 92 तालाबों से जलकुंभी और खरपतवार हटाकर उन्हें फिर से उपयोगी बनाया गया।
- नलकूपों की मरम्मत: 173 नलकूपों में से 124 को पुनः क्रियाशील किया गया, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए अब पर्याप्त पानी मिल रहा है।
- ड्रेनों की सफाई: 67 ड्रेनों की सफाई की गई, जिससे जलभराव की समस्या का समाधान हुआ।
- रेन वाटर हार्वेस्टिंग: जल संरक्षण को बढ़ावा देते हुए 435 सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाए गए, जिससे भूजल स्तर को संरक्षित किया जा रहा है।
- जल जीवन मिशन: पेयजल योजनाओं की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित करने के लिए नियमित बैठकों का आयोजन किया जा रहा है।
मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल का कहना है, “इस सेंटर के माध्यम से सरकार की योजनाओं का फायदा तेजी से लोगों तक पहुंच रहा है। यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि किसी भी गांव या किसान को अब पानी की समस्या का सामना न करना पड़े।”
इस सेंटर ने न सिर्फ किसानों की सिंचाई समस्याओं को हल किया है, बल्कि ग्रामीण इलाकों में स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता भी सुनिश्चित की है। ग्रामीण क्षेत्रों में इस प्रोजेक्ट से जीवन स्तर में सुधार और जागरूकता का नया माहौल बन रहा है।