आंवला नवमी: सनातनी परंपरा का अनुपालन, लक्ष्मी पूजन और ब्राह्मण भोज का आयोजन
वाराणसी: सनातनी परंपरा और पौराणिक मान्यताओं के अनुसार वाराणसी में आंवला नवमी का पर्व भक्तिभाव और विधिपूर्वक मनाया गया। शहर के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में श्रद्धालुओं ने आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा-अर्चना की और प्रसाद ग्रहण कर पवित्र भोज का आयोजन किया।
लक्ष्मी का श्रृंगार और पूजन का विशेष आयोजन
घर-घर में आंवला नवमी के दिन लक्ष्मी का श्रृंगार कर उनका विधिवत पूजन किया गया। महिलाओं ने आंवला नवमी के अवसर पर देवी लक्ष्मी का रूप मानकर विशेष श्रृंगार किया और पूरे विधि-विधान से पूजा-अर्चना संपन्न की। इस दौरान मां लक्ष्मी के आशीर्वाद की कामना के साथ कई महिलाओं ने आंवला वृक्ष के नीचे बैठकर उनके महात्म्य की कथा का श्रवण भी किया।
भक्तिभाव से सम्पन्न हुआ ब्राह्मण भोज
पौराणिक मान्यताओं का पालन करते हुए, आंवला नवमी पर ब्राह्मण भोज का आयोजन भी किया गया। इस पर्व पर श्रद्धालु आंवला वृक्ष के पास एकत्रित हुए और पूजा-अर्चना के बाद सभी ने मिलकर भोज का आनंद लिया।
संस्कार और आस्था की अनोखी मिसाल
आंवला नवमी का पर्व वाराणसी और आसपास के क्षेत्रों में श्रद्धालुओं के लिए गहरी धार्मिक आस्था का प्रतीक है। इस अवसर पर घरों और मंदिरों में मां लक्ष्मी की पूजा और विशेष अनुष्ठानों का आयोजन होता है, जिसमें महिलाओं की बड़ी भागीदारी होती है।