जुआ कांड में पुलिस पर बड़ा आरोप: इंस्पेक्टर परमहंस नपे, इतने लाख रुपये वसूली मामले में जांच तेज
वाराणसी: पहड़िया स्थित एक अपार्टमेंट में व्यापारियों से 41 लाख रुपये वसूलने के आरोप में सारनाथ थाना प्रभारी परम हंस गुप्ता पर निलंबन की गाज गिरी है। पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल ने मामले की गंभीरता को देखते हुए यह कार्रवाई की है। सीपी के अनुसार, प्रारंभिक जांच में थाना प्रभारी की भूमिका संदिग्ध पाई गई है, इसलिए उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया। एडीसीपी वरुणा जोन सरवणन टी को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
घटना का वायरल वीडियो और पुलिस की संलिप्तता पर सवाल
इस मामले को और तूल तब मिला, जब रविवार को घटना का एक 12 सेकंड का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। फुटेज में देखा जा सकता है कि एक इंस्पेक्टर और उसका साथी दो बैग के साथ अपार्टमेंट की लिफ्ट से बाहर निकल रहे हैं। इंस्पेक्टर का यह साथी चौबेपुर क्षेत्र का एक कथित पत्रकार बताया गया है, जिसने घटना के दौरान व्यापारियों को मुख्यमंत्री के ओएसडी के रूप में अपना परिचय दिया।
कहानी की शुरुआत: अपार्टमेंट में जुआ, आधी रात में धमकी पुलिस और 41 लाख की वसूली
घटना 7 नवंबर की रात की है। पहड़िया क्षेत्र के एक अपार्टमेंट में शहर के कुछ बड़े व्यापारी जुआ खेल रहे थे। तभी आधी रात के बाद एक इंस्पेक्टर और उसका कथित पत्रकार साथी वहां पहुंचे। आरोप है कि उन्होंने फ्लैट में प्रवेश कर व्यापारियों को कानूनी कार्रवाई का भय दिखाते हुए धमकाया। इस दौरान व्यापारियों के पास मौजूद 41 लाख रुपये को दो बैग में रखकर वहां से ले गए। यह रकम किस तरीके से वसूली गई, इस पर अब पुलिस विभाग में खलबली मची हुई है।
क्यों नहीं की व्यापारियों ने शिकायत, मामला कैसे आया सामने?
यह भी चर्चा का विषय बना हुआ है कि व्यापारियों ने इस मामले की कोई औपचारिक शिकायत क्यों नहीं की। हालांकि, शनिवार को यह मामला अचानक चर्चा में आया और पुलिस आयुक्त ने खुद संज्ञान लिया। आयुक्त मोहित अग्रवाल ने कहा कि फिलहाल किसी ने शिकायत नहीं की है, लेकिन मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच की जा रही है। जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उनके आधार पर सख्त विभागीय और कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कमिश्नरेट पुलिस पर छाया आरोपों का साया, दो सालों से लगातार गंभीर आरोपों से घिरा विभाग
वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस पर लगातार गंभीर आरोप लगते आ रहे हैं। पिछले दो वर्षों में डकैती, दुष्कर्म, और भ्रष्टाचार जैसे मामलों ने विभाग की छवि को धूमिल किया है। 29 मई 2023 को भेलूपुर थाने की कैवल्यधाम कॉलोनी स्थित गुजरात की एक फर्म से 1.40 करोड़ रुपये लूटे गए थे, जिसमें भेलूपुर थाना प्रभारी रमाकांत दूबे सहित सात पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई हुई थी। इसी तरह, 24 जुलाई 2024 को नदेसर चौकी इंचार्ज सूर्य प्रकाश पांडेय को 42.50 लाख रुपये की डकैती के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
नए आरोपों की श्रृंखला: साल में 55 निलंबन, 6 जेल और 5 बर्खास्त
2024 में ही कमिश्नरेट के 55 पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है, जबकि 6 पुलिसकर्मियों को जेल भेजा गया और 5 पुलिसकर्मियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया गया। इन तमाम मामलों के बाद भी पुलिसकर्मियों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आ रहा है, जिससे विभाग की साख पर लगातार सवाल उठ रहे हैं।
अखिलेश यादव का तंज: “उप्र में फिल्म सिटी तो नहीं बनी, पर भ्रष्टाचार की रीयल लोकेशन शूटिंग चालू”
इस घटना पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर तीखा तंज कसा। उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “उत्तर प्रदेश में फिल्म सिटी तो नहीं बनी, लेकिन फिल्म की रीयल लोकेशन शूटिंग जरूर चालू हो गई है। सारनाथ में हाई प्रोफाइल बिल्डिंग में हाई प्रोफाइल जुआ का हाई प्रोफाइल स्टाइल में छापा पड़ा और माल लेकर कोई नदारद हो गया। इस फिल्म का क्लाइमेक्स ये है कि देश के प्रधान संसदीय क्षेत्र के पास हुई इस वारदात की हिस्सेदारी का असली दावा किसका होगा? देखते रहिए भाजपाई भ्रष्टाचार की धारावाहिक फिल्म: ‘वर्दीवाला लुटेरा’।” अखिलेश यादव का यह बयान सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गया है।