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कार्तिक पूर्णिमा की पावन बेला: काशी के गंगा घाटों पर श्रद्धा का सैलाब, लाखों ने लगाई पवित्र डुबकी

वाराणसी: कार्तिक मास की पूर्णिमा के शुभ अवसर पर गुरुवार को गंगा घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। लाखों भक्तों ने पवित्र गंगा में स्नान कर पुण्य अर्जित किया। सनातन धर्म में इस दिन का विशेष महत्व है, क्योंकि यह कार्तिक मास का अंतिम दिन है और इसे देव दिवाली व गुरु नानक जयंती के साथ मनाया जाता है।

गंगा स्नान का विशेष महत्व

श्रद्धालु अहल सुबह से ही गंगा घाटों पर डुबकी लगाने के लिए पहुंचने लगे। यह दिन न केवल गंगा स्नान के लिए शुभ माना जाता है, बल्कि भगवान विष्णु और देवी लक्ष्मी की विशेष पूजा का भी विधान है। इस दिन दान-पुण्य का महत्व कई गुना बढ़ जाता है।

वाराणसी के घाटों पर विशेष तैयारियां

योगी सरकार ने कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली के अवसर पर खास इंतजाम किए हैं। गंगा स्नान को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। घाटों को आकर्षक रंग-बिरंगी रोशनी से सजाया गया है, जहां देव दीपावली का भव्य उत्सव मनाया जाएगा। यह त्योहार कार्तिक पूर्णिमा की रात को दिवाली के 15 दिन बाद मनाया जाता है और इसे ‘देवताओं की दीपावली’ कहा जाता है।

अन्य शहरों में भी उमड़ी भीड़

वाराणसी ही नहीं, हरिद्वार, प्रयागराज और पटना जैसे अन्य धार्मिक स्थलों पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। प्रयागराज के गऊघाट और पटना के दीघा घाट पर भक्तों ने गंगा और यमुना में स्नान कर पूजा-अर्चना की।

कार्तिक पूर्णिमा की पावन बेला पर श्रद्धालुओं का यह उत्साह सनातन धर्म के प्रति उनकी आस्था और विश्वास को दर्शाता है। देशभर के घाटों पर उमड़ी भीड़ इस पर्व की भव्यता और महत्व को और बढ़ा देती है।

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