शिव महापुराण कथा का भव्य शुभारंभ: प्रदीप मिश्रा ने शिव महिमा का गुणगान किया, बोले- एक लोटा जल से बदल जाएगा जीवन
रितेश राय
वाराणसी: डोमरी स्थित श्रीसतुआ बाबा गौशाला में महामंडलेश्वर संतोष दास ‘सतुआ बाबा’ के सानिध्य में आयोजित सात दिवसीय शिव महापुराण कथा का शुभारंभ बुधवार को बड़े श्रद्धा भाव से हुआ। पंडित प्रदीप मिश्रा (सिहोर वाले) ने व्यासपीठ से शिव महिमा का ऐसा वर्णन किया कि लाखों श्रद्धालु मंत्रमुग्ध हो गए।
“एक लोटा जल” से बदलें किस्मत
कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने भगवान शिव की महिमा बताते हुए कहा, “शिवलिंग पर चढ़ाया गया एक लोटा जल 33 कोटि देवी-देवताओं को समर्पित होता है। यह आपकी हर समस्या का समाधान है। चाहे कोई भी स्थान हो, ‘श्री शिवाय नमस्तुभ्यं’ मंत्र का जप करें, इससे जीवन के सभी अनिष्ट दूर हो जाएंगे।”
काशी और मां गंगा का महत्व
उन्होंने काशी के विशेष महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा, “काशी विश्वनाथ और मां गंगा के सम्मुख व्यासपीठ से कथा कहने का सौभाग्य अद्भुत है। मां गंगा के तट की स्वच्छता का ध्यान रखना हर भक्त का कर्तव्य है। गंगा को साफ और स्वच्छ रखकर ही भोलेनाथ को प्रसन्न किया जा सकता है।”
भक्तों का उत्साह और शिव का प्रेम
आयोजन स्थल पर दो लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे। पंडाल में हर-हर महादेव के गगनभेदी जयकारों के बीच प्रदीप मिश्रा ने कहा, “शिव अपने भक्तों से असीम प्रेम करते हैं। जीवन में प्रेम और स्नेह का महत्व है। मुस्कान के साथ भगवान के चरणों में जाएं, और एक लोटा जल से अपना भविष्य उज्जवल करें।”
भव्य आयोजन में उमड़ा जनसैलाब
इस आयोजन में संत सतुआ बाबा और श्रीविट्ठलेश सेवा समिति के तत्वावधान में काशीवासियों को शिव महापुराण की गाथा सुनाई गई। मंच पर महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा, आयोजन समिति के सदस्य संजय केशरी, संदीप केशरी, नीरज केशरी और हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
शिव महिमा में डूबे श्रद्धालु
प्रदीप मिश्रा ने शिवलिंग पर जल चढ़ाने की सरल प्रक्रिया को बताते हुए कहा, “जब हम जल अर्पित करते हैं तो शिवजी हमारे पूरे परिवार पर कृपा बरसाते हैं। शिव के साथ अपने संबंध जोड़ें और विश्वास रखें कि भगवान आपकी हर प्रार्थना सुनते हैं।”
यह सात दिवसीय कथा पूरे भक्ति भाव और शांति के साथ जारी है। भक्तों के उत्साह और श्रद्धा ने इसे काशी का एक विशेष आयोजन बना दिया है।