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‘क्रीं कुंड’ में देव दीपावली: दीपों की रोशनी में आस्था का सागर, झलकी अद्भुत आभा

वाराणसी: पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भगवान शिव की नगरी काशी एक बार फिर देव दीपावली के अद्भुत उत्सव का साक्षी बनी। इस अवसर पर रविन्द्रपुरी स्थित विश्वविख्यात अघोरपीठ ‘बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुंड’ में हज़ारों श्रद्धालुओं ने दीपदान कर बाबा कीनाराम जी और अन्य समाधियों का दर्शन-पूजन किया।

पौराणिक मान्यताओं का महापर्व

कहते हैं कि कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का अंत किया था, और इस दिन शिव के दर्शन और पवित्र नदियों में स्नान से महापुण्य की प्राप्ति होती है। दीपावली के बाद देव दीपावली को रोशनी का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है। इस दिन काशी के घाट और मंदिर करोड़ों दीपों से जगमगाते हैं।

अघोरपीठ में दीपों की अद्भुत छटा

‘बाबा कीनाराम स्थल, क्रीं-कुंड’ का पूरा परिसर हज़ारों दीपों की रोशनी से सजा हुआ था। प्रवेश द्वार से लेकर समाधि स्थल तक दीपों की श्रृंखला ने भक्ति और आस्था का अद्भुत नजारा पेश किया। श्रद्धालु दीपदान करते हुए परिसर में शिव और बाबा कीनाराम जी की आराधना में लीन दिखाई दिए।

श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

सड़क किनारे आते-जाते लोग भी इस अलौकिक दृश्य को निहारने के लिए रुक गए। श्रद्धालुओं ने परिसर की रोशनी में नहाई अद्भुत छटा की तस्वीरें और वीडियो रिकॉर्ड किए। ‘क्रीं-कुंड’ के इस दिव्य आयोजन ने काशी की देव दीपावली को और भी भव्यता प्रदान की।

इस अवसर पर बाबा कीनाराम स्थल के मीडिया प्रभारी संजय सिंह ने बताया कि हर वर्ष यहां श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बनता है। इस बार भी हजारों दीपों की रोशनी में भक्तों ने पूरे परिसर को भक्तिमय कर दिया

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