जिला जेल में कैदी की रहस्यमय मौत: अस्पताल में हंगामा, परिजनों और पुलिस के बीच झड़प
वाराणसी: जिला कारागार चौकाघाट में दहेज हत्या के मामले में बंद मुकुल जायसवाल (28) की शनिवार सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। जेल की पुलिस ने शव को जिला अस्पताल (डीडीयू) की मोर्चरी में रखा और मौके से चला गई। जब परिजन अस्पताल पहुंचे तो शव देखने को नहीं मिला। पुलिस की गैरमौजूदगी और शव तक पहुंच न होने पर परिजनों ने आक्रोशित होकर हंगामा किया।
घटना का पूरा विवरण
मुकुल जायसवाल जंसा थाना क्षेत्र के गोसाईपुर के निवासी थे। उनके खिलाफ दहेज हत्या का मामला चल रहा था, जिसकी सुनवाई न्यायालय में हो रही थी। शनिवार सुबह करीब 10.30 बजे जेल में उनकी मौत हो गई। जेल प्रशासन शव को जिला अस्पताल ले गया, लेकिन परिजनों को शव दिखाने या किसी तरह की जानकारी देने में देरी की।
परिजनों और पुलिस में विवाद
शव देखने के लिए व्याकुल परिजनों को तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा। आरोप है, इस दौरान पुलिस नदारद थी। जब पुलिस पहुंची तो परिजनों और पुलिस के बीच विवाद बढ़ गया। विवाद के दौरान मृतक के परिवार के एक युवक ने मौजूद दरोगा पर हाथ छोड़ दिया और उनके बाल खींचने लगा। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने किसी तरह दरोगा को बचाया।
परिजनों के आरोप
परिवार का आरोप है कि मुकुल की मौत रहस्यमय परिस्थितियों में हुई है। परिजनों का कहना है कि पुलिसकर्मियों ने उन्हें सही जानकारी देने के बजाय उनसे नोकझोंक की। मृतक के भाई अतुल जायसवाल ने आरोप लगाया कि पहाड़िया चौकी इंचार्ज आशुतोष त्रिपाठी ने उनकी बातों को नजरअंदाज करते हुए थप्पड़ मारा।
अमिताभ ठाकुर ने की कार्रवाई की मांग
आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने इस घटना पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने पुलिस कमिश्नर और अन्य अधिकारियों को पत्र भेजकर मुकुल की मौत की जांच और कार्रवाई की मांग की। उन्होंने तत्काल पोस्टमार्टम कराने, एफआईआर दर्ज करने, और चौकी इंचार्ज पर उचित कार्रवाई करने की अपील की।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार
अस्पताल में परिजनों का आक्रोश और पुलिस के साथ मारपीट की घटना के कारण स्थिति तनावपूर्ण बनी रही। घटना से जुड़े सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से मौत के कारणों का खुलासा होने की उम्मीद है।