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विजयदशमी पर हर साल रावण का पुतला जलाने की परंपरा: असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक

संतोष पांडेय वाराणसी: विजयदशमी, जिसे दशहरा भी कहा जाता है, भारत में असत्य पर सत्य की विजय और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन का सबसे प्रमुख और प्रमुख आकर्षण है रावण के विशालकाय पुतले का दहन, जो पूरे देश में उत्साह और धूमधाम से मनाया जाता है। हर साल दशहरे के दिन रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतलों का दहन किया जाता है, जो पौराणिक कथाओं के अनुसार बुराई और अहंकार के प्रतीक माने जाते हैं। बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश…

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रामनगर की रामलीला: रावण ने बजाया युद्ध का डंका, इंद्र ने श्रीराम के लिए रथ भेजा

रामनगर, वाराणसी: युद्ध में रावण अपनी लगातार पराजय को देखते हुए महल में यज्ञ करने लगा। तभी विभीषण ने राम को बताया कि वह यज्ञ कर रहा है। जिसके पूरा होने पर वह नहीं मरेगा। उनके आदेश पर बानर, भालू जाकर उसका यज्ञ विध्वंस कर दिए। जिसके बाद उसने युद्ध का डंका बजा दिया। इंद्र ने राम को रथ पर चढ़कर युद्ध करने के लिए रथ भेजा। राम अपने बाणों से उसकी माया को काट दिए। वे अपनी सेना को युद्ध करने से रोक दिए और कहने लगे कि तुम…

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43 साल पहले शुरू हुई थी मिनी स्टेडियम में दुर्गापूजा: 2023 में यहां की CM ने बधाई पत्र भेजा था

नवीन प्रधान शिवपुर, वाराणसी: मिनी स्टेडियम शिवपुर में होने वाली दुर्गा पूजा की शुरुआत आज से 43 वर्ष पूर्व पंचकोशी रोड, शिवपुर निवासी रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफीसर शंभूनाथ श्रीवास्तव ने किया था। उस वक्त वाराणसी में गिने-चुने जगहों पर ही दुर्गा पूजा पंडाल लगता था। शंभूनाथ श्रीवास्तव के पुत्र घनश्याम श्रीवास्तव ने बताया कि एक दिन वह और उनके मित्र पुरुषोत्तम सिंह (अजय ऑयल मिल) ने विचार किया कि शिवपुर में भी दुर्गा पूजा कराया जाना चाहिए, यह क्षेत्र बहुत बड़ा है लेकिन यहां पर दुर्गा पूजा नहीं होती है।…

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व्रत के दौरान ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें: अगर इस बार इन गलतियों को आपने किया है तो अगली बार मत करिएगा

वाराणसी: व्रत का पालन करना केवल धार्मिक आस्था का विषय नहीं है, बल्कि यह स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी हो सकता है। व्रत के दौरान कुछ खास बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है ताकि व्रत का उद्देश्य सफलतापूर्वक पूरा हो सके और स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव न पड़े। आइए जानते हैं व्रत के दौरान किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। 1. सही आहार का चयन व्रत के दौरान सही और संतुलित आहार का चयन करना बहुत महत्वपूर्ण है। आमतौर पर फलाहार, जैसे कि फल, कुटु आटा, सिंघाड़ा, साबूदाना,…

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व्रत में फलाहार: मानसिक संतुलन भी जरूरी, सबसे शुद्ध फलाहारी कौन?

वाराणसी: व्रत रखने के दौरान फलाहार का विशेष महत्व होता है। हिंदू धर्म में व्रत का पालन करने से न केवल शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है, बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन भी स्थापित होता है। इस दौरान फलाहार के माध्यम से उपवास के नियमों का पालन करना आवश्यक होता है। लेकिन सवाल उठता है कि व्रत में सबसे शुद्ध फलाहारी किसे कहा जाता है? 1. कुटु (राजगिरी) आटा व्रत के दौरान कुटु (राजगिरी) का आटा सबसे शुद्ध फलाहारी माना जाता है। यह आटा ऊर्जा का अच्छा स्रोत होता है…

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गुस्से की कीमत: अधिक गुस्सा करने वाले लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जोखिम, इन बीमारियों के होने का खतरा

वाराणसी: गुस्सा एक सामान्य मानव भावना है, लेकिन जब यह अनियंत्रित हो जाता है, तो यह व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डाल सकता है। कई अध्ययनों से यह सिद्ध हुआ है कि अधिक गुस्सा करने वाले लोगों को विभिन्न प्रकार की बीमारियों का खतरा रहता है। आइए जानते हैं कि गुस्से का हमारे स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ता है। 1. हृदय रोग अत्यधिक गुस्सा हृदय के लिए हानिकारक हो सकता है। गुस्से के दौरान हृदय की धड़कन तेज हो जाती है और रक्तचाप बढ़ जाता है।…

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नवरात्रि में भगवती का प्रिय भोग: श्रद्धा और भक्ति का प्रतीक, इन भोगों का विशेष महत्व

वाराणसी: नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की उपासना का विशेष अवसर है। इस दौरान भक्तजन अपनी श्रद्धा से भगवती को विभिन्न प्रकार के भोग अर्पित करते हैं। इन भोगों का विशेष महत्व है और इनमें से कुछ भोग देवी के प्रिय माने जाते हैं। आइए जानते हैं कि नवरात्रि में भगवती को कौन से भोग प्रिय हैं: 1. नवधान्य नवरात्रि में नवधान्य (नौ प्रकार के अनाज) का विशेष महत्व है। यह देवी के लिए एक शुभ भोग माना जाता है। इसमें गेहूं, चना, जौ, मक्का, बाजरा, मूंग, उड़द, चावल और…

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नवरात्रि के दौरान कन्या पूजन: ध्यान देने योग्य बातें, इस तरह की गलती बिल्कुल ना करें

वाराणसी: नवरात्रि का पर्व देवी दुर्गा की उपासना का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दौरान कन्या पूजन का विशेष महत्व है, जहां न केवल देवी का स्वागत किया जाता है, बल्कि समाज में कन्या भ्रूण हत्या और महिलाओं के प्रति सम्मान को बढ़ावा देने का संदेश भी दिया जाता है। कन्या पूजन के दौरान कुछ महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना आवश्यक है: 1. कन्याओं का चयन 2. साफ-सफाई का ध्यान 3. कन्याओं को आदर देना 4. अभिषेक और पूजा सामग्री 5. प्रसाद का वितरण 6. धार्मिक अनुष्ठान 7. सकारात्मक वातावरण…

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रामनगर की रामलीला: सब कुछ गंवाकर युद्ध के मैदान में आया रावण, इतनी बार मूर्छित हुआ

रामनगर, वाराणसी: युद्ध में अपना सब कुछ गंवाने के बाद बाद रावण के पास कोई विकल्प नहीं बचा था। सो आना पड़ा उसे युद्ध मैदान में। रावण था तो प्रचंड योद्धा। आते ही उसने श्रीराम की सेना को विचलित कर दिया। रावण स्वयं युद्ध के लिए आता है और अपनी सेना से कहता है लड़ाई से जिसका मन हट गया हो वह अभी से भाग जाएं। लड़ाई के मैदान से भागने में भलाई नहीं है। मैंने अपनी भुजाओं के बल पर बैर को बढ़ाया है। इसका जवाब भी मैं स्वयं…

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काशी विश्वनाथ मंदिर में महिला दर्शनार्थी की गिरने की घटना: सुरक्षा में लापरवाही पर इतने पुलिसकर्मी निलंबित

वाराणसी: श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के गर्भगृह में सप्तर्षि आरती के दौरान एक महिला दर्शनार्थी के गिरने की घटना के बाद पुलिसकर्मियों की लापरवाही उजागर हुई है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस उपायुक्त सुरक्षा द्वारा इस पर गंभीर संज्ञान लिया गया और जांच के निर्देश दिए गए। सहायक पुलिस आयुक्त सुरक्षा अमित कुमार श्रीवास्तव द्वारा की गई जांच में ड्यूटी में लापरवाही पाए जाने पर कार्रवाई की गई है। घटना का विवरण 7 अक्टूबर को सप्तर्षि आरती के बाद मंदिर के गर्भगृह में अत्यधिक…

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