कॉपी & पेस्ट 3rd पार्ट: वो अमृत जिसने जब्बर स्वाद चखाया, बस इस मंत्र को याद रखना
व्यंग्य
कॉपी और पेस्ट, दो छोटे-छोटे शब्द, मगर असर ऐसा कि पूरा संसार बदल जाए। ये वो जादुई मंत्र हैं, जिन्हें अगर सही ढंग से इस्तेमाल कर लिया जाए, तो आदमी का दिमाग ‘सेविंग मोड’ में चला जाता है। मेहनत? किसे जरूरत है उसकी जब दुनिया के सारे आइडियाज़, सोच और नॉलेज इंटरनेट पर ‘फ्री टू यूज’ हैं!
कॉलेज के छात्रों के लिए कॉपी-पेस्ट तो किसी वरदान से कम नहीं। “प्रोजेक्ट जमा करो!”- ये सुनते ही हर छात्र का दिल बैठ जाता है, लेकिन घबराने की जरूरत नहीं। बस गूगल खोलिए, टॉपिक टाइप कीजिए, और जो मिला उसे चुटकी में ‘Ctrl+C, Ctrl+V’ से बदल दीजिए। प्रोजेक्ट तैयार! और अगर गलती से प्रोफेसर ने पूछ लिया, “यह खुद किया?” तो जवाब होता है, “जी सर, सब कुछ रीसर्च करके किया है।”
कॉपी-पेस्ट का जादू ऑफिस में भी छाया हुआ है। पहले जमाने में जब बॉस कहते थे, “अगले हफ्ते प्रेजेंटेशन चाहिए,” तो लोग महीनों तक पसीना बहाते थे। अब, गूगल महाराज के होते हुए कोई चिंता क्यों करे? इंटरनेट से थोड़ा इधर-उधर कॉपी, एक-दो लाइन पेस्ट, और लेजेंड्री स्लाइड्स तैयार! बॉस खुश, प्रमोशन पक्का! और ऊपर से हम अपने साथियों को गर्व से बताते हैं, “मैंने पूरी रात मेहनत की इस प्रेजेंटेशन पर।”
हमारी प्यारी सोशल मीडिया भी इस ‘कॉपी-पेस्ट क्रांति’ का शिकार हो चुकी है। फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप पर हर दूसरा स्टेटस ‘कॉपीराइट फ्री’ होता है। कोई अच्छा स्टेटस देखा? फटाफट कॉपी, और अपने अकाउंट पर पेस्ट! आपके दोस्त सोचेंगे, “अरे, कितने गहरे विचार हैं।” जबकि आप अंदर से मुस्कुरा रहे होते हैं, “गहरे विचार? गूगल भईया का गिफ्ट है ये!”
कॉपी-पेस्ट का कमाल सिर्फ छात्रों और कर्मचारियों तक सीमित नहीं है। आजकल लेखक भी कॉपी-पेस्ट के बिना अधूरे हैं। पहले एक किताब लिखने में सालों लगते थे। अब, कुछ पैराग्राफ यहां से, कुछ वहां से, और उपन्यास तैयार। किरदार के नाम बदलकर कहानी आपकी हो गई। ऐसा लगता है जैसे दुनिया में खुद से सोचना अब विलुप्त होता जा रहा है।
तो भाई, कॉपी-पेस्ट वो अमृत है जिसने दुनिया को आलस का स्वाद चखाया है। मेहनत की जरूरत नहीं, सोचने की ज़रूरत नहीं, बस कॉपी करो और पेस्ट करो। असली काम तो कीबोर्ड ही कर रहा है। डिजिटल क्रांति का मंत्र चाहे जो भी हो लेकिन हकीकत वाला मंत्र है- सोचने वाला हारेगा नहीं, कॉपी करने वाले छाएगा नहीं!