साइबर फ्रॉड गिरोह का पर्दाफाश: निवेश पर मुनाफे का झांसा देकर इतने लाख से ज्यादा की ठगी, बैंककर्मी गिरफ्तार
वाराणसी: निवेश पर मुनाफे का झांसा देकर साइबर फ्रॉड करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के लिए काम करने वाले एक बैंक कर्मी को वाराणसी के साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपी की पहचान हरदोई जिले के सांडी थाना अंतर्गत घटकाना गांव के निवासी सुनील कुमार के रूप में हुई है। सुनील एचडीएफसी बैंक हरदोई में कार्यरत था और फिलहाल कैनाल रोड, न्यू सिविल लाइन में रह रहा था।
पिंडरा निवासी राम सागर यादव ने 20 फरवरी 2024 को साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें बताया गया कि उन्हें टास्क पूरा कर पैसे कमाने और निवेश पर भारी मुनाफे का झांसा दिया गया था। इस फ्रॉड के जरिए उनसे 10 लाख 93 हजार 536 रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई थी।
जांच और गिरफ्तारी की कार्रवाई
एडीसीपी वरुणा जोन और क्राइम सरवणन टी के मुताबिक, केस की जांच साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्र के नेतृत्व में इंस्पेक्टर राज किशोर पांडेय और अनीता सिंह ने सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट्स की मदद से शुरू की। जांच के दौरान सुनील कुमार की भूमिका उजागर हुई, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। सुनील के पास से एक मोबाइल फोन और 1850 रुपये बरामद किए गए हैं।
गिरोह की ठगी का तरीका
पूछताछ में सुनील ने खुलासा किया कि उसका गिरोह ब्रांडेड कंपनियों की फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को जॉब या निवेश में मुनाफे का प्रलोभन देता था। इसके बाद छोटे-छोटे अमाउंट उनके खातों में क्रेडिट कर उन्हें बड़े निवेश के लिए प्रेरित किया जाता था। गिरोह के सदस्य खुद के खातों में बड़ी रकम दिखाकर स्क्रीनशॉट शेयर करते थे, जिससे लोगों को विश्वास हो जाए।
जब पीड़ित अपने पैसे निकालने की कोशिश करते थे, तो उन्हें कोई भी राशि वापस नहीं मिलती। इस ठगी को विदेशों के आईपी एड्रेस से संचालित किया जाता था। ठगे गए पैसों को कार्पोरेट बैंकिंग के जरिए फर्जी गेमिंग एप्स और गिरोह के अन्य सदस्यों के खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था।
पुलिस अब सुनील के गिरोह के अन्य आठ साथियों की तलाश में जुटी है और गिरोह की गतिविधियों को खंगाल रही है।