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दिव्य जानकारी: लोगों को बताया- सभी समस्याओं का हल अब केवल दिव्य दृष्टि से मिलेगा

व्यंग्य

वैसे तो हम सभी जानते हैं कि आधुनिक तकनीकी समाधानों और सरकारी योजनाओं के माध्यम से समाज की समस्याओं का समाधान होता है। लेकिन अब एक नयी क्रांति आई है, जिसमें दिव्य जानकारी के साथ समस्याओं का हल मिलना तय है। पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर एक विचित्र ‘दिव्य ज्ञान’ की गूंज सुनाई दे रही है, जिसे अब ‘दिव्य जानकारी’ के नाम से जाना जाता है।

क्या है ‘दिव्य जानकारी’?

किसी ने ठीक ही कहा है कि ज्ञान को प्राप्त करने के लिए गुरु की आवश्यकता होती है। लेकिन यहां तो मामला कुछ और ही है। लोग अब दिव्य जानकारी की ओर रुख कर रहे हैं, जो न सिर्फ व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान करती है, बल्कि जीवन की हर उलझन का अंत करती है। इन ‘दिव्य जानकारी’ की सभा में मौजूद लोग न केवल धार्मिक शांति की खोज में हैं, बल्कि वे अपनी घरेलू और सामाजिक समस्याओं का समाधान भी यहां से पा रहे हैं।

दिव्य जानकारी का प्रभाव

  • पानी की समस्या का हल: अगर किसी के घर में पानी नहीं आ रहा है, तो वह ‘दिव्य जानकारी’ के बारे में पूछता है। उत्तर मिलता है, “पानी तो अपने-आप आएगा, बस आपको विश्वास रखना होगा।”
  • सीवर सिस्टम की समस्या: अब लोग सीवर लाइन से संबंधित शिकायतें लेकर नहीं जाते। उनकी जगह ‘दिव्य जानकारी’ के मार्गदर्शन में यह कहते हैं, “सीवर सिस्टम में कोई गड़बड़ी नहीं है, यह आपकी सोच है, जब आप सकारात्मक सोचेंगे, सीवर भी साफ हो जाएगा।”
  • सड़कें और रास्ते: गांव में सड़कें नहीं बन रही थीं, तो लोग ‘दिव्य जानकारी’ से पूछते हैं। जवाब आता है, “सड़कें अपने समय पर बनेंगी, लेकिन आपको आत्मविश्वास से चलने की जरूरत है। रास्ते अपने-आप दिखने लगेंगे।”

राजनीतिक समस्याओं का हल :

इस ‘दिव्य जानकारी’ ने तो राजनीति की समस्याओं को भी अपने कब्जे में ले लिया है। खासकर चुनाव के दौरान यह जानकारी बड़े काम की साबित हो सकती है। यह जानकारी अब उम्मीदवारों को यह भी बता रही है कि चुनावी नतीजे कैसे आ सकते हैं, बिना किसी वोट की गिनती के।

क्या है यह ‘दिव्य जानकारी’ का भविष्य?

वर्तमान समय में तो लोग किसी भी समस्या का समाधान ‘दिव्य जानकारी’ से ही चाहते हैं, लेकिन भविष्य में यह सवाल उठ सकता है कि क्या हर जगह अब ‘दिव्य जानकारी’ के सेंटर खुलेंगे? क्या अब हम चुनाव में वोट देने के बजाय सिर्फ एक दिव्य दृष्टि लेकर पंक्ति में खड़े होंगे?

और अंत में

जाहिर है कि ‘दिव्य जानकारी’ अब एक नई दिशा दिखा रही है, लेकिन इसके साथ ही यह सवाल भी खड़ा होता है कि क्या हमें अपनी समस्याओं का हल केवल आस्थाओं और विश्वास के स्तर पर ढूंढ़ना चाहिए या फिर तथ्यों और तर्कों के आधार पर। फिलहाल, लोग यह मानकर चल रहे हैं कि कुछ भी हो, “दिव्य जानकारी” से ही सब ठीक हो जाएगा।

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