फूड ब्लॉगर: खाने के नाम पर कैमरा उठाने वाले नए युग के संत, इनको चाहिए- रफेक्ट एंगल
व्यंग्य
आजकल की दुनिया में खाने की थाली में पहला निवाला लेने से पहले कैमरे की क्लिक सुनाई दे, तो समझ जाइए कि आप किसी फूड ब्लॉगर की संगत में हैं। इन फूड ब्लॉगरों के लिए खाना किसी मंदिर का प्रसाद नहीं, बल्कि इंस्टाग्राम की सामग्री है। चाहे वो 20 रुपये का समोसा हो या 2000 रुपये का पिज्जा, इनके लिए सबसे महत्वपूर्ण बात है- “परफेक्ट एंगल”।
थाली में खाना कम, तस्वीरें ज्यादा
फूड ब्लॉगरों का यह गुण है कि वे हर भोजन को इतने कोण से देखते हैं, जितने तो हम स्कूल के ज्योमेट्री बॉक्स में भी नहीं देखते थे। भोजन पर 45 डिग्री से 360 डिग्री तक का हर एंगल लेना इनके लिए अनिवार्य है। खाने से पहले “लाइट ठीक है क्या?” यह सवाल सुनकर वेटर भी अब इतना घबरा जाता है कि वह खाने से पहले लाइट के बल्ब बदलने की तैयारी करता है।
रिव्यू, स्वाद नहीं, फॉलोवर्स का खेल
अगर आपको लगता है कि फूड ब्लॉगर खाने के स्वाद पर रिव्यू देते हैं, तो आप गलत हैं। उनके लिए फॉलोवर्स और लाइक्स की संख्या ही असली स्वाद है। हर डिश में यह तय होता है कि “इसमें हज़ार लाइक्स का स्वाद आएगा या सिर्फ पचास?” अगर डिश की फोटो में थोड़ी भी कमी रह गई, तो यह ‘टेस्टलेस’ घोषित हो सकती है।
फूड ब्लॉगर VS सामान्य इंसान
जहां सामान्य लोग खाने के स्वाद, सुगंध और ताजगी पर ध्यान देते हैं, वहीं फूड ब्लॉगर का सबसे बड़ा ध्यान यह होता है कि प्लेट का बैकग्राउंड कैसा दिख रहा है। अगर बैकग्राउंड ठीक नहीं है, तो वे खाना उठाकर उसे ऐसी जगह ले जाएंगे जहां सूरज की रौशनी और परफेक्ट “बोकेह इफेक्ट” मिले। आखिर, खाना खाने का मजा तभी आता है जब वह फोटो में अच्छा दिखे, जिंदगी में नहीं।
पैसे बचाने का आसान तरीका
कुछ फूड ब्लॉगर तो ऐसे होते हैं जो अपने ‘फ्री फूड’ के लिए तैयार रहते हैं। “हमें बस एक तस्वीर खींचने दीजिए और डिश के बारे में कुछ अच्छी बातें कहने दीजिए, बदले में आपसे पैसे नहीं लेंगे।” यह सुनते ही होटल मालिक सोचता है, “वाह, मैंने तो कभी सोचा ही नहीं था कि इंसान सिर्फ फोटोज खा सकता है।”
एंटरटेनमेंट
आधुनिक युग के ये फूड ब्लॉगर खाने को खाने के बजाय उसे “एंटरटेनमेंट” बना देते हैं। खाने के प्रति उनका समर्पण और तस्वीरों के प्रति उनकी दीवानगी देख कर यही लगता है कि शायद भविष्य में हम भी बिना खाए सिर्फ तस्वीरों से ही पेट भरने लगेंगे। तब तक, अगर कभी फूड ब्लॉगर के साथ खाना खाएं, तो ध्यान रखें- आप खाने नहीं, बल्कि “फोटोशूट” करने जा रहे हैं।