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काशी की विरासत का वैश्विक पुनरुद्धार: विकास से पर्यटन और रोजगार को मिला नया आयाम, 01/11 तस्वीरों में देखें अब नया क्या है?

वाराणसी: सारनाथ, जहां एक ओर ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहरों का अद्वितीय संगम है, वहीं दूसरी ओर अब ये स्थलों का पुनर्विकास अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों और बौद्ध अनुयायियों के लिए आधुनिक सुविधाओं के साथ तैयार है। मोदी-योगी सरकार ने यहां की धरोहरों का संरक्षण और पुनरुद्धार करके धर्म और संस्कृति का परचम पूरे विश्व में फहराया है। सारनाथ, जहां तथागत बुद्ध ने ज्ञान प्राप्ति के बाद अपना पहला उपदेश दिया था, अब बौद्ध सर्किट के रूप में विश्वभर के पर्यटकों के लिए एक आकर्षक स्थल बन चुका है।

सारनाथ में पर्यटन और रोजगार को बढ़ावा देने वाला प्रो-पुअर प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 अक्टूबर को सारनाथ में विश्व बैंक द्वारा सहायतित 90 करोड़ रुपये की लागत से तैयार प्रो-पुअर प्रोजेक्ट का उद्घाटन करेंगे। इस योजना के तहत सारनाथ का समग्र विकास किया गया है ताकि पर्यटकों को आधुनिक सुविधाएं मिलें और स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हों। स्थानीय वेंडरों को प्रशिक्षित कर ‘अतिथि देवो भव’ के सिद्धांत को मजबूत किया गया है, जिससे यहां आने वाले पर्यटकों को बेहतर आतिथ्य अनुभव हो।

बौद्ध सर्किट में रोजगार के नए अवसर

प्रो-पुअर प्रोजेक्ट के तहत सारनाथ में पर्यटन के साथ-साथ रोजगार को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। 2811 कामगारों को विभिन्न क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया गया है, जिनमें से 303 कामगारों को टूल किट भी प्रदान की गई है। इसके अलावा, नए कामगारों को भी प्रशिक्षित करके रोजगार से जोड़ा जा रहा है। इस परियोजना का उद्देश्य सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देना नहीं, बल्कि स्थानीय लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना और उन्हें रोजगार के नए अवसर प्रदान करना है।

प्रोजेक्ट की प्रमुख विशेषताएं

  • आधुनिक सुविधाएं और सौंदर्यीकरण: सारनाथ और उसके आसपास के चौराहों और तिराहों का सौंदर्यीकरण किया गया है। धर्मपाल मार्ग, ऋषिपत्तन और अशोक मार्ग पर लास्ट माइल कनेक्टिविटी के तहत स्मारकों को आपस में जोड़ा गया है। यहां हेरिटेज स्ट्रीट लाइट, व्यवस्थित पार्किंग, और खूबसूरत पैडेस्ट्रियन पथ जैसी सुविधाएं भी प्रदान की गई हैं।
  • स्थानीय व्यापार को बढ़ावा: स्थानीय वेंडरों के लिए कस्टमाइज्ड मोबाइल व्हीकल्स और हेरिटेज लुक वाले कियोस्क तैयार किए गए हैं। इसके साथ ही, स्थानीय उत्पादों की बिक्री के लिए विशेष सोविनियर और जीआई उत्पादों की दुकानें भी लगाई गई हैं। यहां पर्यटकों के लिए बनारसी खानपान और अन्य अंतरराष्ट्रीय स्वाद का भी ध्यान रखा गया है।
  • पर्यावरण और सुरक्षा पर विशेष ध्यान: क्षेत्र में हॉर्टिकल्चर, लैंडस्केपिंग, सीसीटीवी, दिव्यांगजनों और वृद्ध पर्यटकों के लिए गोल्फ कार्ट की व्यवस्था भी की गई है। ओवरहेड तारों को अंडरग्राउंड किया गया है और आधुनिक जन सुविधाएं जैसे पेयजल, सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट, और रेन वाटर हार्वेस्टिंग की भी व्यवस्था की गई है।

ट्रेनिंग से बदलेगी जिंदगी

प्रो-पुअर योजना के तहत पर्यटन और रोजगार को जोड़ने पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसके तहत 1240 कामगारों को विभिन्न कौशलों में प्रशिक्षित किया गया है, जिनमें 830 कामगारों की आय वृद्धि सुनिश्चित की गई है। सिलाई मशीन, क्ले क्राफ्ट, लकड़ी के खिलौने, माला, जरी पर्स जैसी हस्तशिल्पों में कामगारों को प्रशिक्षण देकर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त किया जा रहा है।

वेंडिंग जोन और आधुनिक सुविधाएं

गणपति तिराहे पर 1147 वर्ग मीटर का वेंडिंग जोन तैयार किया गया है, जहां 49 कस्टमाइज्ड कार्ट्स की व्यवस्था की गई है। यहां पर्यटकों के बैठने, पर्याप्त लाइट, और वृक्षारोपण की सुविधाएं दी गई हैं। इसके अलावा, क्षेत्र में पांच अन्य वेंडिंग जोन भी विकसित किए जा रहे हैं, जिससे स्थानीय व्यापारियों को स्थिर और स्वच्छ स्थान मिल सके।

नई पहचान

मोदी-योगी सरकार के नेतृत्व में काशी और सारनाथ की ऐतिहासिक धरोहरें न सिर्फ संरक्षित हो रही हैं, बल्कि इनके विकास से स्थानीय लोगों के जीवन में सुधार भी हो रहा है।

प्रो-पुअर प्रोजेक्ट एक ऐसी पहल है जो पर्यटन, रोजगार और सांस्कृतिक पुनरुद्धार को एक साथ जोड़ रही है। सारनाथ, जहां भगवान बुद्ध ने अपनी शिक्षाओं की नींव रखी थी, अब आधुनिक सुविधाओं और रोजगार के अवसरों के साथ एक नई पहचान बना रहा है।

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