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अंतिम संस्कार के लिए अमन के रूप में मिले मददगार हाथ: चेन्नई से पिंडदान के लिए आए शख्स की इलाज के दौरान मौत

वाराणसी: चेन्नई से आए त्यागेश्वर और उनके छोटे भाई नारायण का जीवन एक अनोखे मोड़ पर आ गया, जब काशी में पिंडदान के बाद उनके पास मौजूद सामान और रुपये चोरी हो गए।

इस बीच, नारायण की तबीयत बिगड़ गई और उनका शुगर स्तर अत्यधिक बढ़ गया, जिसके बाद उन्हें मंडली अस्पताल में भर्ती कराया गया।

सोमवार की सुबह, इलाज के दौरान नारायण की मौत हो गई। डॉक्टर पुष्पा सिंह ने कॉल करके पूरे मामले की जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता अमन कबीर को दी।

अमन ने अपनी “₹1 मुहिम” के तहत हीरा रथ से नारायण का शव हरिश्चंद्र घाट पहुंचाया और अंतिम संस्कार की व्यवस्था की। अंतिम संस्कार के दौरान अमन, हीरा रथ के ड्राइवर नाथू और त्यागेश्वर ने मिलकर कंधा दिया।

त्यागेश्वर ने काशीवासियों और अमन कबीर का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि चेन्नई में ऐसी स्थिति होती तो नारायण की लाश की दुर्गति हो सकती थी, परंतु काशीवासियों के स्नेह ने उन्हें परिवार का एहसास कराया।

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