कायदे का फायदा : सुनकर लगता है मजाक है, क्या सचमुच कायदे का फायदा होता है?
Santosh Pandey
व्यंग्य
कायदे का फायदा! यह वाक्य सुनते ही हमारे दिमाग में कई सवाल उठने लगते हैं। क्या सचमुच कायदे का फायदा होता है? क्या कायदे का पालन करने से हमारे जीवन में कुछ बदलाव आता है?
कायदे का फायदा! यह वाक्य सुनकर मुझे लगता है कि यह कोई मजाक है। क्या सचमुच कायदे का फायदा होता है? मैंने अपने जीवन में कई कायदे बनाए, लेकिन क्या उन्हें मैंने पूरा किया? नहीं, मैंने कभी भी कायदे का पालन नहीं किया।
और फिर भी, मैं जिंदा हूं। कायदे का फायदा सुनकर लगता है कि यह कोई धोखा है। क्या सचमुच कायदे का फायदा होता है? मैंने अपने जीवन में कई कायदे तोड़े, लेकिन क्या मुझे कभी कोई परेशानी हुई? नहीं, मुझे कभी भी कोई परेशानी नहीं हुई।
तो फिर, कायदे का फायदा क्या है? क्या सचमुच कायदे का फायदा होता है? नहीं, कायदे का फायदा नहीं होता है। कायदे का फायदा तो सिर्फ एक मजाक है। एक धोखा है। एक व्यंग्य है।
लेकिन, फिर भी हम कायदे का पालन करते हैं। क्यों?
क्योंकि हमें लगता है कि कायदे का फायदा होगा। क्योंकि हमें लगता है कि कायदे का पालन करने से हमारे जीवन में कुछ बदलाव आएगा। लेकिन, क्या सचमुच ऐसा होता है? नहीं, ऐसा नहीं होता है। तो फिर, क्यों हम कायदे का पालन करते हैं? क्यों हम कायदे का फायदा चाहते हैं? क्योंकि हमें लगता है कि कायदे का फायदा होगा।
लेकिन, क्या सचमुच कायदे का फायदा होता है? नहीं, कायदे का फायदा नहीं होता है। इसलिए, मैं कहता हूं कि कायदे का फायदा एक व्यंग्य है। एक मजाक है। एक धोखा है। तो फिर, क्यों हम कायदे का पालन करते हैं? क्यों हम कायदे का फायदा चाहते हैं? नहीं, हमें कायदे का पालन नहीं करना चाहिए। हमें कायदे का फायदा नहीं चाहिए।
नोट- व्यंग्य को व्यंग्य के नजरिया से पढ़ें, बहुत गंभीर होने से कुछ मिलने वाला नहीं। हम जैसे थे वैसे ही रहेंगे।