काशी एनीमिया मुक्त अभियान: किशोरियों की स्वास्थ्य के लिए वरदान, 10000 से अधिक का इलाज हुआ
वाराणसी: छह से 19 वर्ष की किशोरियों को एनीमिया से बचाने और उनके स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया ‘काशी एनीमिया मुक्त अभियान’ जिले में वरदान साबित हो रहा है। जिलाधिकारी एस. राजलिंगम और मुख्य विकास अधिकारी हिमांशु नागपाल की पहल से सितंबर 2023 में इस अभियान की शुरुआत हुई थी। तब से अब तक हजारों किशोरियों की स्क्रीनिंग और उपचार किया जा चुका है, जिससे जिले में किशोरियों के स्वास्थ्य में सुधार देखा जा रहा है।
स्कूलों में हो रही नियमित स्क्रीनिंग: इस अभियान के तहत कक्षा 1 से 12 तक की किशोरियों की स्क्रीनिंग की जा रही है। एनीमिक पाई जाने वाली छात्राओं का उपचार किया जा रहा है, ताकि उनकी सेहत पर किसी प्रकार का असर न हो। इस पहल के तहत किशोरियों को आयरन, फोलिक एसिड, कैल्शियम जैसी आवश्यक दवाएं दी जा रही हैं। साथ ही, उन्हें स्वस्थ आहार के प्रति जागरूक भी किया जा रहा है।
महत्वपूर्ण आंकड़े: अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी और अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. संजय राय ने बताया कि पिछले वित्तीय वर्ष में 1.64 लाख किशोरियों की स्क्रीनिंग की गई थी, जिसमें से 67,542 किशोरियां एनीमिक पाई गई थीं। इस वर्ष अप्रैल से अगस्त तक 58,598 किशोरियों की स्क्रीनिंग की गई, जिसमें से 20,225 एनीमिक मिलीं। इनमें से 10,000 से अधिक का सफल उपचार किया जा चुका है।
आयरन और विटामिन से भरपूर आहार की सिफारिश: स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा किशोरियों को हरी पत्तेदार सब्ज़ियां, बीन्स, दाल, सूखे मेवे, और विटामिन सी युक्त फलों का सेवन करने की सलाह दी जा रही है, जिससे उन्हें एनीमिया से बचाया जा सके और उनकी शारीरिक और मानसिक विकास प्रक्रिया बेहतर हो सके।
प्रदेश के लक्ष्य से बेहतर प्रदर्शन: ‘वीकली आयरन फोलिक एसिड (विफ्स)’ कार्यक्रम के अंतर्गत किशोरियों को नियमित रूप से आयरन की गोलियां दी जा रही हैं। इस कार्यक्रम में वाराणसी का प्रदर्शन प्रदेश में सबसे बेहतर रहा है, जो अभियान की सफलता को दर्शाता है।