दिल्ली स्वास्थ्य 

डॉक्टर की पर्ची पर हैंडराइटिंग: आज जान जाइए पढ़ने में क्यों होती है इतनी मुश्किल?

नई दिल्ली: आपने अक्सर देखा होगा कि जब भी आप किसी डॉक्टर से दवाई लेने के लिए पर्ची लेते हैं, तो उस पर लिखी गई दवाई या सलाह को पढ़ना किसी चुनौती से कम नहीं होता। डॉक्टरों की पर्चियों पर इतनी अस्पष्ट और तेजी से लिखी गई हैंडराइटिंग के कारण कई बार मरीजों और फार्मासिस्ट को भी इसे समझने में कठिनाई होती है। सवाल उठता है कि आखिर डॉक्टरों की हैंडराइटिंग इतनी मुश्किल क्यों होती है?

क्या है कारण?

  1. व्यस्तता और तेज़ी: डॉक्टरों का दिन बेहद व्यस्त होता है। उन्हें एक ही दिन में सैकड़ों मरीजों को देखना पड़ता है। इस प्रक्रिया में, वे कम समय में ज्यादा से ज्यादा मरीजों को देखना चाहते हैं। इस वजह से वे तेज़ी से लिखते हैं, जिससे उनकी हैंडराइटिंग स्पष्ट नहीं रहती।
  2. लंबे समय का अभ्यास: मेडिकल स्कूल में डॉक्टरों को बड़ी मात्रा में जानकारी लिखनी पड़ती है। तेज़ लिखने की आदत उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा बन जाती है। जल्दी लिखने के चक्कर में अक्सर अक्षर अस्पष्ट हो जाते हैं।
  3. तकनीकी शब्दावली: मेडिकल टर्मिनोलॉजी आम बोलचाल की भाषा से अलग होती है। इसके अलावा, दवाइयों के नाम और मेडिकल संक्षेप (abbreviations) का इस्तेमाल भी होता है, जिन्हें समझना आसान नहीं होता। ये शब्द डॉक्टरों के लिए सामान्य हो सकते हैं, लेकिन आम आदमी के लिए कठिन होते हैं।

क्या है समाधान?

  • डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन: धीरे-धीरे कई डॉक्टर डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन की ओर बढ़ रहे हैं। इसमें डॉक्टर कंप्यूटर या मोबाइल पर टाइप करके दवाइयां लिखते हैं, जिससे गलती की संभावना कम हो जाती है।
  • ध्यानपूर्वक लिखना: कुछ डॉक्टर अब इस बात का ध्यान रखते हैं कि उनकी पर्ची मरीज या फार्मासिस्ट के लिए पढ़ने योग्य हो। इसके लिए वे स्पष्ट और थोड़ी धीमी गति से लिखने की कोशिश कर रहे हैं।

क्या कहता है फार्मासिस्ट?

कई बार फार्मासिस्टों को भी डॉक्टर की लिखावट समझने में दिक्कत होती है। इस स्थिति में वे मरीज से दोबारा पूछताछ करते हैं या डॉक्टर से संपर्क करते हैं। हालांकि, फार्मासिस्ट समय के साथ डॉक्टर की स्टाइल और लिखावट के पैटर्न को समझने लगते हैं।

निष्कर्ष: डॉक्टरों की कठिन हैंडराइटिंग एक पुरानी समस्या है, लेकिन डिजिटल प्रिस्क्रिप्शन और नई तकनीकों के साथ इस समस्या का समाधान निकाला जा रहा है। फिर भी, डॉक्टरों से उम्मीद की जाती है कि वे अपने मरीजों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए स्पष्ट और पढ़ने योग्य लिखावट का इस्तेमाल करें।

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