नवरात्र के तीसरे दिन की पूजा: मां चंद्रघंटा को लगाएं ये खास भोग, जानें विधि और महत्व
वाराणसी: शारदीय नवरात्र का तीसरा दिन माँ चंद्रघंटा की पूजा के लिए समर्पित होता है। माँ दुर्गा के इस स्वरूप को शांति, शक्ति और साहस का प्रतीक माना जाता है। इस दिन विशेष भोग अर्पित करने से भक्तों की मनोकामनाएँ पूरी होती हैं। आइए जानते हैं, नवरात्र के तीसरे दिन माँ चंद्रघंटा को किस-किस चीज का भोग लगाना चाहिए और उसकी विधि क्या है।
माँ चंद्रघंटा का महत्व
माँ चंद्रघंटा का स्वरूप अत्यंत सुंदर और तेजस्वी है। उनके माथे पर चाँद का आकार है, जिसके कारण उनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। माँ की उपासना से सभी प्रकार की बाधाएँ समाप्त होती हैं और भक्तों को शांति और समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन विशेष भोग अर्पित करने से माँ की कृपा प्राप्त होती है।
तीसरे दिन भोग में लगाएं ये विशेष पदार्थ:
- दूध और दही: माँ चंद्रघंटा को दूध और दही का भोग अर्पित करना शुभ माना जाता है। यह उन्हें प्रसन्न करता है और सुख-समृद्धि का संचार करता है।
- शुद्ध घी: घी का भोग भी इस दिन अर्पित किया जाता है। यह पवित्रता और ऊर्जा का प्रतीक है।
- फल: इस दिन विभिन्न प्रकार के फलों का भोग लगाना चाहिए। आम, केला, सेब, अनार आदि फलों को विशेष रूप से पसंद किया जाता है। ये फल सेहत और ऊर्जा का प्रतीक होते हैं।
- हलवा: सूजी का हलवा या गेहूँ का हलवा बनाकर भी माँ को अर्पित किया जा सकता है। यह भोग माँ को प्रिय है और इसे विशेष रूप से नवरात्रि के दौरान बनाया जाता है।
- मिठाई: बेसन के लड्डू, नारियल की बर्फी या पेडा जैसे मीठे व्यंजन भी इस दिन भोग में शामिल किए जा सकते हैं।
- पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद और चीनी का मिश्रण पंचामृत कहा जाता है। इसे माँ चंद्रघंटा को अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है।
पूजा की विधि:
- कलश स्थापना: सबसे पहले कलश स्थापित करें और उसके बाद माँ चंद्रघंटा का आह्वान करें।
- भोग अर्पित करें: उपरोक्त भोगों को सजावट के साथ माँ के समक्ष रखें और संकल्प लें।
- आरती करें: भोग लगाने के बाद माँ की आरती करें। इसके साथ ‘दुर्गा चालीसा’ या ‘दुर्गा सप्तशती’ का पाठ करें।
ध्यान रखने योग्य बातें:
- पूजा के दौरान शुद्धता का ध्यान रखें और केवल सात्विक आहार का उपयोग करें।
- भोग को भक्तिभाव से अर्पित करें और मन में श्रद्धा रखें।
माँ चंद्रघंटा की पूजा करते समय पूर्ण श्रद्धा और विश्वास के साथ भोग अर्पित करने से आपकी सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं और जीवन में सुख-शांति का वास होता है। नवरात्र के इस पावन अवसर पर माँ चंद्रघंटा की कृपा से आपके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आए।