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रामनगर की रामलीला: मोहिं न कछु बांधे कइ लाजा, कीन्ह चहौं निज प्रभु कर काजा, और देखते ही देखते लंका जल कर खाक हो गई


रामनगर, वाराणसी: हनुमान श्रीराम के अनन्य भक्त हैं। प्रभु का उनको आशीर्वाद प्राप्त है। तो कैसे पीछे रहें राम काज करने में। मिनटों में सौ जोजन पर भानु समुद्र लांघ गए। सुरसा को चकित कर दिया। और तो और जिस सोने की लंका पर रावण को गुमान था उसे देखते ही देखते जला कर राख कर दिया।

रामलीला के उन्नीसवें दिन हनुमान सबसे अपने आने की प्रतीक्षा करने के लिए कहकर मैनाक पर्वत पर चढ़े तो पर्वत धंस गया। वे कहते हैं कि राम का कार्य किए बिना मैं विश्राम नहीं करूंगा। उन्हें देखकर सुरसा कहती है कि देवताओं ने आज मुझे अच्छा आहार दिया है।

वह हनुमान को खाना चाहती है तो हनुमान कहते हैं कि अभी जाने दो वापस लौटने पर मुझे खा लेना। वह नहीं मानती। वह अपना आकार बढ़ाने लगी यह देखकर हनुमान भी अपना आकार बढ़ाने लगे। जब उसने अपना मुंह सौ जोजन तक फैलाया तो उन्होंने अपना छोटा रूप बनाकर उसके मुंह में प्रवेश करके बाहर आ गए।

सुरसा उनकी चतुराई देखकर प्रसन्न हुई। मच्छर का रूप धारण करके लंका में प्रवेश करने पर लंकिनी नाम की राक्षसी को एक घूंसा मारा तो उसने मुंह से खून फेंक दिया। लंकिनी कहती है कि अब राक्षसों का विनाश तय है। राम राम जप रहे विभीषण हनुमान को बतातें हैं कि सीता अशोक वाटिका में बैठी हैं।

उधर, रावण सीता को प्रताड़ित करने के लिए राक्षसियों से कहता है। रावण के जाने के बाद हनुमान अग्नि रूपी मुद्रिका सीता के समक्ष गिराते हैं आकाशवाणी द्वारा राम कथा सुनाते हैं। सीता के कहने पर हनुमान उनके सामने प्रकट होकर उन्हें अपना परिचय बताते हैं।

उनसे राम का संदेश कहकर वह उनकी आज्ञा लेकर भूख मिटाते हैं। अशोक वाटिका को उजाड़ने लगे। यह सुन क्रोधित रावण अपने पुत्र अक्षय कुमार को उन्हें पकड़ने के लिए भेजता है। हनुमान युद्ध में उसे मार देते है। तब रावण मेघनाद को भेजता है।

मेघनाद ब्रह्मास्त्र का प्रयोग करके उन्हें पकड़ कर रावण के पास लाता है। रावण ने दंड के रूप में उनकी पूंछ में आग लगवा दिया। फिर तो उन्होंने पूरी लंका ही जला डाली। सीता के पास पहुंच उन्होंने कोई निशानी मांगी इस पर उन्होंने अपना चूड़ामणि उतार कर दिया। हनुमान उन्हें धीरज रखने को कह राम के पास पहुंच सारा समाचार बतातें हैं। राम हनुमान को गले से लगा लेते हैं। यहीं पर आरती के बाद लीला को विश्राम दिया जाता है।

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