रामनाथ कोविंद बोले- प्रसाद में मिलावट गंभीर पाप: BHU में दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन, पंचगव्य चिकित्सा पर जोर
वाराणसी: बीएचयू में आयोजित दो दिनी राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन पर पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरुपति और बाबा विश्वनाथ के प्रसाद की तुलना करते हुए मंदिर प्रसादों में मिलावट पर चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि यह हिंदू धर्म के लिए गंभीर पाप है, और इसकी जांच की जानी चाहिए। पूर्व राष्ट्रपति ने अपने वक्तव्य में बाबा विश्वनाथ से माफी मांगते हुए कहा कि अगली बार वे अवश्य दर्शन करेंगे।
बीएचयू के शताब्दी कृषि विज्ञान प्रेक्षागृह में आयोजित इस संगोष्ठी का मुख्य विषय भारतीय गाय, जैविक कृषि एवं पंचगव्य चिकित्सा था। इस मौके पर देसी गायों की नस्लों, जैविक कृषि और पंचगव्य चिकित्सा के जरिए कैंसर, मधुमेह, अवसाद जैसी बीमारियों के उपचार पर विचार-विमर्श हुआ।
संगोष्ठी में 300 से अधिक प्रतिभागियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए, जिसमें देश-विदेश के वैज्ञानिक और विशेषज्ञ शामिल थे। कार्यक्रम के संयोजक प्रो. ओपी सिंह ने देसी गाय के दूध, घी और मूत्र के औषधीय गुणों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने कहा कि गाय का बिलौना घी और गोमूत्र कई रोगों में लाभकारी है और आधुनिक जीवनशैली से जुड़ी बीमारियों के इलाज में महत्वपूर्ण हो सकता है।