शारदीय नवरात्र 2024: वाराणसी में चौथे दिन मां कूष्मांडा के दर्शन, पूजन-अर्चन के बाद दान-पुण्य
वाराणसी: आज नवरात्र का चौथा दिन है, जिसमें देवी कूष्मांडा का पूजन किया जाता है। वाराणसी के दुर्गाकुंड स्थित मां कुष्मांडा के दर्शन के लिए भक्त सुबह से ही कतारबद्ध थे। विधि-विधान से पूजन और अर्चन के बाद भक्तों ने दान-पुण्य किया।
भव्य श्रृंगार और आस्था
मां कुष्मांडा का आज विशेष श्रृंगार किया गया था, जिसकी अलौकिक छटा देख भक्त भाव-विभोर हो उठे। मान्यता है कि भक्त मां से संतान प्राप्ति की कामना करते हैं। मां कूष्मांडा सृष्टि की आदि-स्वरूपा और आदि शक्ति मानी जाती हैं। इनके ‘ईषत’ हास्य से ब्रह्माण्ड की रचना हुई थी, जब चारों ओर अंधकार व्याप्त था।
पूजन विधि
देवी कूष्मांडा की पूजा में कुमकुम, मौली, अक्षत, पान के पत्ते, केसर और शृंगार अर्पित करने का विधान है। सफेद कुम्हड़ा (कद्दू) मातारानी को अर्पित कर दुर्गा चालीसा का पाठ करने और अंत में घी के दीप या कपूर से आरती करने की परंपरा है। प्रसाद के रूप में हलवा, मीठा दही या मालपुए का भोग चढ़ाया जाता है। इसे खुद ग्रहण करने के साथ ब्राह्मणों को भी दान करने का महत्व है।
देवी का प्रार्थना मंत्र
“सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च।
दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥”
बीज मंत्र
“ऐं ह्री देव्यै नमः”
इस विशेष पूजन के दौरान भक्तों की भारी भीड़ और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला।