शिवमहापुराण कथा: मेरा शंकर केवल देना जानता है, लेना कुछ भी नहीं- पंडित प्रदीप मिश्रा
रितेश राय
वाराणसी, पड़ाव: श्री सतुआ बाबा गौशाला में आयोजित शिवमहापुराण कथा के दूसरे दिन पंडित प्रदीप मिश्रा (सीहोर वाले) ने भगवान शिव की उदारता और भक्ति के महत्व पर प्रकाश डाला। कथा के दौरान उन्होंने रान्तिदेव बनिया की कहानी सुनाई, जिसमें उन्होंने बताया कि कैसे साधारण नीयत और सच्चे समर्पण से भी भगवान शिव प्रसन्न हो जाते हैं।
रान्तिदेव की कहानी
पंडित मिश्रा ने बताया कि रान्तिदेव नामक बनिया अपनी कंजूसी के बावजूद भगवान शिव की भक्ति में मग्न था। वह केवल एक लोटा जल चढ़ाता था, लेकिन उसकी नीयत इतनी पवित्र थी कि भगवान उससे प्रसन्न थे। हालांकि, अन्य भक्त उसका उपहास उड़ाते थे।
एक दिन रान्तिदेव का बेटा बेलपत्र लेने गया, लेकिन माली ने उसकी कंजूसी के कारण बेलपत्र देने से मना कर दिया। इस घटना से व्यथित होकर रान्तिदेव ने ठान लिया कि वह केवल अपनी सामर्थ्य के अनुसार ही अर्पण करेगा, बिना किसी के सामने झुककर। पंडित मिश्रा ने इस प्रसंग से यह संदेश दिया कि “जो है वही बाबा को अर्पित करें, मांगकर या उधार लेकर नहीं।”
भक्ति और ठहाकों का संगम
कथा के दौरान पंडित मिश्रा ने ठहाकों के साथ एक दिलचस्प किस्सा भी सुनाया। उन्होंने कहा, “जैसे छोरा छोरी को दिल देकर उसके मोबाइल का बैलेंस रिचार्ज करता रहता है, वैसे ही अगर हम अपने भोलेनाथ को दिल देंगे, तो वो हमारी सांसों की डोर और जीवन का बैंक बैलेंस भी संभाल लेंगे।”
भोलेनाथ की उदारता
पंडित मिश्रा ने भगवान शिव की उदारता का उदाहरण देते हुए कहा कि वह किसी को खाली हाथ नहीं लौटाते। उनका नाम ही विश्वनाथ है, जो सभी का पालनहार है। कथा के दौरान श्रोताओं ने भजन “आपन नगरी हमरा ले ले चल हो बाबा आपन नगरी” और “मैं तो पड़ी थी गंगा किनारे, दिल तुझको दिया भोलेनाथ” पर झूमकर भक्ति का आनंद लिया।
दूध चढ़ाने का विशेष आग्रह
पंडित मिश्रा ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि शिवलिंग पर केवल शुद्ध देसी गाय का दूध चढ़ाएं। उन्होंने कहा कि पैकेट का दूध शिवलिंग को नुकसान पहुंचाता है, इसलिए एक बूंद भी चढ़ाएं तो वह शुद्ध होनी चाहिए।
गंगा की स्वच्छता का संदेश
कथा के अंत में पंडित मिश्रा ने मां गंगा की स्वच्छता बनाए रखने और आयोजन स्थल को साफ रखने की अपील की। उन्होंने श्रद्धालुओं को न केवल अपने कर्म, बल्कि अपने आसपास के वातावरण को भी पवित्र रखने का संदेश दिया।
विशेष उपस्थिति
मंच पर महामंडलेश्वर संतोष दास सतुआ बाबा के साथ आयोजन समिति के प्रमुख सदस्य संजय केशरी, संदीप केशरी, नीरज केशरी और संजय माहेश्वरी मौजूद थे। कथा में हजारों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे। आरती के साथ कथा का दूसरा दिन समाप्त हुआ।