दो दिनी मौन साधना: आत्म सुधार पर ध्यान केंद्रित किया, व्यक्तित्व परिष्कार प्रशिक्षण शिविर का समापन
वाराणसी: गायत्री शक्तिपीठ, नगवां में चल रहे दो दिवसीय मौन साधना एवं व्यक्तित्व परिष्कार प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन शिविरार्थियों ने योग, ध्यान और यज्ञ के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की। युग ऋषि के संदेश वाहक एंव कथावाचक विद्याधर मिश्र ने शिविरार्थियों द्वारा लिए गए मौन व्रत से उत्पन्न ऊर्जा का अनुभव साझा किया।
उन्होंने कहा कि आज की सामाजिक परिस्थितियाँ युवाओं को सही मार्गदर्शन के बजाय दिग्भ्रमित कर रही हैं। शिविर में 36 घंटे की मौन साधना, आत्म विवेचना और आत्म सुधार पर ध्यान केंद्रित किया गया। मिश्र ने बताया कि संयमी, स्वावलंबी और राष्ट्र भक्त युवा ही समाज को आगे बढ़ा सकते हैं।
समापन सत्र का संचालन अयोध्या प्रसाद के संगीत से हुआ। शिविर में 25 युवाओं ने भाग लिया, जिसमें कुमारी शांभवी सहाय, प्रियंबदा, श्रेया, दिव्या और अन्य शामिल थे। प्रशिक्षण की व्यवस्था बृजेश पटेल और ओमेश्वर सेपट ने की।
कार्यक्रम में सहायक प्रबंध ट्रस्टी, जिला समन्वयक और अन्य सदस्य भी मौजूद रहे, जिन्होंने शिविरार्थियों को समाज के भटके युवाओं को मुख्य धारा से जोड़ने की जिम्मेदारी से अवगत कराया।