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राफेल & सुई: दोनों के बीच का ‘महान’ अंतर’, बहुत बारीकी से समझिएगा

व्यंग्य

कभी सोचा है कि मामूली सी सुई और घातक राफेल लड़ाकू विमान के बीच क्या समानताएं हो सकती हैं? क्लियर है, कुछ भी नहीं। लेकिन आइए, हम थोड़ा मजाकिया अंदाज में इन दोनों के बीच का ‘महान’ अंतर खोजते हैं।

सुई: कपड़ों की डॉक्टर

सुई, जिसे हम घर की ‘मल्टी-टास्किंग मशीन’ भी कह सकते हैं, मम्मी की सुपरपावर होती है। यह कपड़ों के फटे घाव सिलने में माहिर है। सुई दिखने में भले ही पतली और मासूम लगती हो, लेकिन इसकी चुभन… उफ़्फ़। इतनी खतरनाक कि किसी के भी मुंह से तुरंत “ओह मम्मी!” निकल जाता है। वैसे सुई का सबसे बड़ा युद्ध कपड़ों से होता है, जिसे वह हर दिन फतह करती है।

राफेल: आसमान का सुपरहीरो

राफेल, भारत का सुपरहीरो, आसमान का बादशाह, जिसका काम दुश्मनों की नाक में दम करना है। उसकी रफ्तार ऐसी कि आंधी भी शर्मा जाए। उसकी ताकत ऐसी कि पूरी दुनिया देखती रह जाए। राफेल का एक ही लक्ष्य है- देश की रक्षा और दुश्मनों का नाश। उसके हवाई करतब देखकर लगता है मानो सुपरमैन भी उसके आगे पानी भरे।

अब आते हैं अंतर पर

  • वजन का अंतर
  • सुई: हल्की, इतनी कि हाथ से गिर जाए तो ढूंढते-ढूंढते आंखों में आंसू आ जाएं।
  • राफेल: भारी, इतना कि उसकी कीमत सुनते ही आंखों में आंसू आ जाएं।
  • रफ्तार का अंतर
  • सुई: बिना धागे में रफ्तार जीरो, लेकिन धागा मिलते ही मम्मी की अंगुलियों से नाचने लगती है।
  • राफेल: धागा क्या, इसकी रफ्तार तो ऐसी है कि पलक झपकते ही दुश्मन गायब।
  • काम का अंतर
  • सुई: कपड़े सिलना और कभी-कभी उंगली में चुभ कर सिलाई के साथ-साथ थोड़ा दर्द भी देना।
  • राफेल: आसमान में उड़ना, मिसाइलें छोड़ना और देश को सुरक्षित रखना। सुई चुभने का दर्द भूल जाओ, अगर राफेल चल पड़ा, तो दुश्मनों को दर्द का असली मतलब पता चल जाएगा।
  • चमक का अंतर
  • सुई: पतली और सीधी, सूरज की रोशनी में हल्की सी चमक।
  • राफेल: धूप हो या अंधेरा, इसकी चमक हमेशा दुश्मनों की आंखों में चुभती है।
  • उपयोग का अंतर
  • सुई: जहां घर की महिलाओं का ध्यान अपनी साड़ियों पर होता है।
  • राफेल: जहां पूरे देश का ध्यान दुश्मनों पर होता है।

निष्कर्ष जरूरी है

तो भई, सुई और राफेल का अंतर तो साफ है। एक घर को बचाती है और दूसरी देश को। सुई के बिना घर के कपड़े बिखर जाएंगे, और राफेल के बिना देश की सीमाएं। इसलिए अगली बार जब आपकी उंगली में सुई चुभे, तो सोचना मत- बस मुस्कुराकर कह देना, “चलो, देश के राफेल को तो ये चुभने वाली नहीं।”

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