अमूल क्लीन फ्यूल रैली का स्वागत: स्वच्छ ऊर्जा और सतत विकास का संदेश
वाराणसी के करखियांव स्थित बनास डेयरी परिसर में शुक्रवार को अमूल क्लीन फ्यूल रैली का बैंड-बाजे और ढोल-नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। बायोगैस से संचालित कारों में पहुंचे 24 लोगों का काशी की संस्कृति के अनुरूप फूल-मालाओं और परंपरागत अंदाज में अभिनंदन किया गया।
श्वेत क्रांति के जनक को समर्पित रैली
यह रैली श्वेत क्रांति के जनक डॉ. वर्गीज कुरियन की उपलब्धियों और स्वच्छ ऊर्जा के सपने को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से निकाली गई थी। कोलकाता से 750 किलोमीटर की यात्रा कर रैली बनास डेयरी पहुंची। इसमें 12 मारुति सीएनजी कारों का काफिला शामिल था।
बनास डेयरी की उपलब्धियां और लक्ष्य
बनास डेयरी यूनिट हेड आलोकमणि मिश्र ने रैली में शामिल प्रतिभागियों को डेयरी की उपलब्धियों और योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि:
- डेयरी परिसर में 5 मेगावाट से अधिक सौर ऊर्जा की स्थापना हो चुकी है।
- जल पुनर्भरण और तालाबों की स्थापना के प्रयास जारी हैं।
- वार्षिक रूप से 1 करोड़ से अधिक पेड़ लगाने का लक्ष्य रखा गया है।
सतत विकास और प्राकृतिक संसाधन संरक्षण पर जोर
बीएचयू के प्रोफेसर डॉ. अखिलेश सिंह रघुवंशी ने कहा कि प्राकृतिक संसाधनों का सीमित और सही दिशा में उपयोग आज की प्राथमिकता होनी चाहिए, वरना आने वाली पीढ़ी को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
लखनऊ प्लांट के हेड नरेंद्र सिन्हा ने बताया कि इस रैली का उद्देश्य:
- दुग्ध समितियों की विरासत का सम्मान करना।
- सर्कुलर इकॉनमी के सिद्धांतों को प्रोत्साहित करना।
- सतत विकास के महत्व को उजागर करना है।
उन्होंने यह भी बताया कि इन संयंत्रों का लक्ष्य किसानों की आय बढ़ाना, गोबर की बिक्री के माध्यम से स्वच्छ ईंधन का उत्पादन करना और जैविक उर्वरक बनाना है, जिससे मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
कार्यक्रम की शुरुआत
रैली के आगमन पर डॉ. वर्गीज कुरियन के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। गणेश और सरस्वती वंदना के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ा।
स्वागत और समापन
रैली के प्रतिभागियों का स्वागत फूल-मालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ किया गया। कार्यक्रम में बनास डेयरी के कर्मचारियों, स्थानीय लोगों और अतिथियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।