विद्यापीठ का 46वां दीक्षांत समारोह: शिक्षा के महत्व पर जोर, राज्यपाल बोलीं- प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल सार्थक दिशा में होना चाहिए
वाराणसी: महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ में सोमवार को 46वां दीक्षांत समारोह आयोजित हुआ, जिसकी अध्यक्षता राज्यपाल और कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने की। इस भव्य समारोह में मुख्य अतिथि पावर ग्रिड कॉर्पोरेशन के सीएमडी आर. के. त्यागी, विशिष्ट अतिथियों के रूप में उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय और उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी की मौजूदगी थी।
“शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार”: मुख्य अतिथि आर. के. त्यागी ने बुद्ध के समय से काशी की शैक्षिक धरोहर को नमन करते हुए कहा, “शिक्षा सबसे शक्तिशाली हथियार है जिसका उपयोग आप दुनिया को बदलने के लिए कर सकते हैं।” उन्होंने विद्यार्थियों को परिश्रम और त्याग की महत्ता बताई और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका पर जोर दिया।
राज्यपाल ने दिए प्रेरणादायक संदेश: राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने दीक्षांत समारोह के दौरान कहा कि 103 वर्ष पुरानी इस संस्था में उपस्थित होना उनके लिए गौरव का विषय है। उन्होंने बताया कि इस वर्ष शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है, जिसका लाभ सभी को उठाना चाहिए। उन्होंने छात्राओं की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा, “आज गोल्ड मेडल प्राप्त करने वालों में छात्राओं की संख्या छात्रों से अधिक है।”
देश के लिए नए अवसर: समारोह में कुलाधिपति ने घोषणा की कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ विद्यार्थियों को देश की शीर्ष कंपनियों में इंटर्नशिप का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने प्रौद्योगिकी के सही दिशा में इस्तेमाल और ऊर्जा संरक्षण पर भी जोर दिया। इसके साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के उत्थान में विद्यार्थियों की भूमिका पर विशेष ध्यान देने की अपील की।
विद्यार्थियों का सम्मान: समारोह में 97,252 डिग्रियां प्रदान की गईं, जिन्हें डिजिलॉकर पर अपलोड किया गया। गोल्ड मेडल पाने वाले 18 छात्रों में स्नातक और स्नातकोत्तर विद्यार्थियों के साथ ही उत्कृष्ट खिलाड़ी भी शामिल थे। समारोह के अंत में विद्यापीठ से गोद लिए गए विद्यालयों के बच्चों को भी पुरस्कृत किया गया।
उच्च शिक्षा मंत्री का आह्वान: उच्च शिक्षा मंत्री योगेन्द्र उपाध्याय ने काशी को शिक्षा, ज्ञान और विज्ञान का केंद्र बताते हुए विद्यार्थियों को राष्ट्र निर्माण में योगदान देने का आह्वान किया।
समारोह का समापन प्रेरणादायक संदेशों और भविष्य के लक्ष्यों के साथ हुआ, जिसमें विद्यार्थियों से नवाचार और सामाजिक योगदान के प्रति समर्पित रहने का आग्रह किया गया।