शारदीय नवरात्रि 2024: स्कंद माता की पूजा, पांचवें दिन भोग में क्या चढ़ाएं?
वाराणसी: शारदीय नवरात्र के पांचवें दिन, माता स्कंद माता की पूजा का विशेष महत्व है। इस दिन भक्तों द्वारा माता को विशेष भोग अर्पित किया जाता है, जो उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
स्कंद माता की विशेषताएं
स्कंद माता, देवी दुर्गा का एक प्रमुख रूप हैं, जिन्हें भगवान गणेश और भगवान कार्तिकेय की माता के रूप में पूजा जाता है। उन्हें प्रेम, शक्ति और संरक्षण का प्रतीक माना जाता है। उनकी कृपा से भक्तों की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
भोग का महत्व
इस दिन भक्त माता स्कंद माता को विशेष भोग अर्पित करते हैं, जिसमें मिठाई, फल और अन्य ताजे खाद्य पदार्थ शामिल होते हैं। भोग चढ़ाने से माता की कृपा प्राप्त होती है और भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है।
भोग में क्या चढ़ाएं
- साबूदाना खिचड़ी: साबूदाना खिचड़ी नवरात्र के दौरान उपवास में खाई जाने वाली लोकप्रिय डिश है। इसे माता को चढ़ाने से विशेष आशीर्वाद मिलता है।
- केला: केले को स्कंद माता को चढ़ाने से विशेष पुण्य मिलता है। यह फल स्वास्थ्य के लिए भी लाभदायक माना जाता है।
- मिठाई: विशेष रूप से काजू-बादाम की बर्फी या गुड़ की मिठाई। माता को मिठाई चढ़ाने से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।
- दही: दही भी एक महत्वपूर्ण भोग है, जो माता को चढ़ाया जाता है। यह शुद्धता और ताजगी का प्रतीक है।
- फल: आम, सेब, संतरा और अनार जैसे ताजे फलों का भोग चढ़ाना भी शुभ माना जाता है।
स्कंद माता की पूजा विधि
- इस दिन भक्त प्रात: काल जल्दी उठकर स्नान करके माता की पूजा करते हैं।
- माता की प्रतिमा के आगे दिए जलाए जाते हैं और फूलों से सजाया जाता है।
- भोग लगाने के बाद, श्रद्धा पूर्वक मंत्रों का जाप किया जाता है, जिसमें “ॐ देवी स्कंद मातायै नमः” का उच्चारण करना विशेष फलदायी होता है।
महत्वपूर्ण
शारदीय नवरात्र के पांचवे दिन स्कंद माता को विशेष भोग अर्पित करना भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है। यह न केवल आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है, बल्कि माता की कृपा से जीवन में सुख, शांति और समृद्धि भी लाता है। इस दिन विशेष भोग अर्पित करके भक्त अपनी श्रद्धा और आस्था को प्रकट करते हैं।