वाराणसी सेहत स्वास्थ्य 

वाराणसी: मानसिक स्वास्थ्य शिविर में 25 मनोरोगियों की पहचान, काउंसलिंग और उपचार पर जोर

वाराणसी के पिंडरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत मेगा मानसिक जांच और उपचार शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में 425 लोगों ने भाग लिया, जिनमें से 25 व्यक्तियों में मनोरोग के लक्षण पाए गए। इन मरीजों का न केवल इलाज किया गया, बल्कि उन्हें काउंसलिंग के माध्यम से मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझाया गया।

शिविर का शुभारंभ और जागरूकता संदेश


शिविर का उद्घाटन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. वरुण कुमार ने फीता काटकर किया। उन्होंने कहा कि तनावपूर्ण जीवनशैली मनोरोग बढ़ने का प्रमुख कारण बन रही है। उन्होंने योग, व्यायाम और तनावमुक्त जीवन को मानसिक स्वास्थ्य के लिए सबसे कारगर उपाय बताया।

मनोचिकित्सक की सलाह और जानकारी


मनोचिकित्सक डॉ. रविंद्र कुमार यादव ने मनोरोग के लक्षणों और उनके बचाव पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि नींद न आना, बेचैनी, आत्महत्या का विचार, भय और कानों में आवाजें सुनाई देना मनोरोग के प्रमुख लक्षण हैं। इनसे निपटने के लिए योग और नियमित काउंसलिंग को सबसे प्रभावी उपाय बताया गया।

शिविर के आंकड़े और उपचार


शिविर में कुल 425 लोगों ने पंजीकरण कराया। इनमें बीपी, शुगर और खून की कमी के रोगियों के साथ 25 मनोरोगियों की पहचान की गई। इन सभी का इलाज किया गया और उन्हें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया गया।

चिकित्सकों की टीम ने निभाई अहम भूमिका


इस शिविर में डॉ. अमित सिंह, डॉ. अनुपम सिंह, डॉ. फिरोज, और डॉ. प्रदीप कुमार समेत कई चिकित्सकों और चिकित्सा कर्मियों ने सेवाएं दीं।

योग और काउंसलिंग से संभव है बेहतर मानसिक स्वास्थ्य


शिविर के दौरान विशेषज्ञों ने बताया कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को पहचानने और सही समय पर इलाज कराने से गंभीर समस्याओं से बचा जा सकता है। तनाव से बचने और मानसिक स्वास्थ्य बेहतर बनाए रखने के लिए योग और नियमित काउंसलिंग को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील की गई।

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