KIA Motors की फर्जी वेबसाइट से 72 लाख की ठगी: साइबर क्राइम गैंग का भंडाफोड़, सरगना समेत 4 गिरफ्तार
वाराणसी: KIA Motors की एजेंसी दिलाने के नाम पर 72 लाख रुपये की साइबर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश हो गया है। पुलिस ने पटना, बिहार से गैंग के सरगना सहित चार अंतरराज्यीय साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से मोबाइल, नकदी और अन्य सामान भी बरामद किया गया है। ये अपराधी बेहद शातिर और तकनीकी रूप से दक्ष हैं, जो फर्जी सिम कार्ड और म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल कर अपनी पहचान छिपाते थे।
फर्जी वेबसाइट और ईमेल से फंसाया जाल में
आवेदक तेजश्वी शुक्ला, निवासी भेलूपुर, वाराणसी ने साइबर क्राइम थाने में शिकायत की थी कि अज्ञात साइबर अपराधियों ने KIA Motors के नाम से फर्जी वेबसाइट और ईमेल बनाकर एजेंसी दिलाने के नाम पर उनसे 72 लाख रुपये ठग लिए। ठगों ने फर्जी रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी और GST फीस के नाम पर पैसा वसूला और नकली इनवॉइस जारी की। मामले की जांच करते हुए साइबर क्राइम थाना वाराणसी ने धारा 417, 420 और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की थी।
ऐसे रचा गया ठगी का षड्यंत्र
गैंग के सदस्यों ने योजनाबद्ध तरीके से KIA Motors के नाम की फर्जी वेबसाइट और ईमेल बनाई। वे फर्जी प्रतिनिधि बनकर एजेंसी दिलाने के झांसे में पीड़ितों को फंसाते थे। इनलिस्टमेंट लेटर और इंटेंट लेटर जैसे फर्जी दस्तावेज तैयार कर ठगी की साजिश को अंजाम दिया गया। अभियुक्तों ने विभिन्न बैंक खातों में रकम ट्रांसफर कराई और नकली लेटर हेड पर इनवॉइस भेजकर लोगों को धोखा दिया।
इस तरह हुई गिरफ्तारी
पुलिस आयुक्त मोहित अग्रवाल के निर्देश पर पुलिस उपायुक्त अपराध प्रमोद कुमार की निगरानी में साइबर क्राइम थाना वाराणसी की टीम ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस और ओपन सोर्स इंटेलिजेंस टूल्स की मदद से अपराधियों की लोकेशन ट्रेस की। अपर पुलिस उपायुक्त सरवणन टी. और सहायक पुलिस आयुक्त गौरव कुमार के नेतृत्व में एसआई संजीव कन्नौजिया की टीम ने पटना से चारों साइबर अपराधियों को दबोचा।
अपराधियों के काम करने का तरीका
गिरफ्तार आरोपी साइबर अपराध की हर तकनीक में माहिर हैं। ये लोग फर्जी सिम कार्ड और म्यूल बैंक खातों का इस्तेमाल करते थे ताकि पुलिस की पकड़ में न आएं। वेबसाइट और ईमेल से लीड प्राप्त करना, पीड़ितों को कॉल कर झांसा देना, फर्जी बैंक खातों का संचालन करना और एटीएम से रकम निकालना जैसे काम योजनाबद्ध तरीके से अंजाम दिए जाते थे। ठगी के पैसे को आपस में बांटने के बाद ये गैंग आसानी से फरार हो जाता था।
बरामद सामग्री
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने अपराधियों के पास से मोबाइल फोन, नकद रकम और अन्य आपराधिक सामग्रियां जब्त की हैं। पुलिस को उम्मीद है कि इस गिरोह की गिरफ्तारी से कई और ठगी के मामलों का भी खुलासा हो सकता है।
साइबर अपराधियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
यह गैंग काफी समय से सक्रिय था और कई राज्यों में साइबर ठगी को अंजाम दे रहा था। पुलिस की सख्ती और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस की मदद से इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।