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गोताखोरों ने बचाई जान, लेकिन नहीं टली मौत: पुल से गंगा में कूदे थे 80 साल के बुजुर्ग, अमन ने घर वालों को खोजा


वाराणसी: राजघाट पुल से शुक्रवार को 80 वर्षीय बुजुर्ग पारसनाथ ने गंगा में छलांग लगा दी थी। नमो घाट पर तैनात गोताखोरों की तत्परता से उस समय उनकी जान बचा गई। उन्हें तुरंत कबीरचौरा अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन इलाज के दौरान देर शाम उनकी मौत हो गई।

एम्बुलेंस से कबीरचौरा अस्पताल भेजा: घटना के वक्त गंगा के किनारे मौजूद नमो घाट के गोताखोरों ने तुरंत गंगा में कूदकर पारसनाथ को बाहर निकाला और एम्बुलेंस से कबीरचौरा अस्पताल भेजा। अस्पताल में इलाज के दौरान पारसनाथ को होश आया, जिसके बाद उन्होंने अपना नाम और पता बताया। हालांकि, शाम तक उनकी हालत बिगड़ने लगी और अंततः उनका निधन हो गया।

सोशल मीडिया का सहारा लिया: समाजसेवी अमन कबीर ने सोशल मीडिया का सहारा लेकर बुजुर्ग के परिजनों को ढूंढ़ निकाला। मृतक पारसनाथ बिहार के भभुआ जिले के निवासी थे। अमन ने जब उनके परिजनों से संपर्क किया, तो पता चला कि एक हफ्ते पहले उनका परिवार मुंबई चला गया था और उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा था।

परिवारिक विवाद का दर्द: परिजनों ने बताया कि पारसनाथ का अपने बेटों से हाल ही में झगड़ा हुआ था, जिसके बाद वह अकेलेपन और तनाव में जी रहे थे। यह साफ नहीं है कि पारसनाथ कैसे वाराणसी पहुंचे और गंगा में कूदने की कोशिश क्यों की। घटना से जुड़े तमाम पहलुओं पर अभी भी जांच की जा रही है।

बहुत देर बाद पुलिस पहुंची: घटना की सूचना मिलने के बहुत देर बाद पुलिस पहुंची। गोताखोरों और अस्पताल कर्मियों की तेजी के बावजूद, बुजुर्ग की जान नहीं बचाई जा सकी। फिलहाल पुलिस आसपास के सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है ताकि घटना के और पहलुओं को समझा जा सके। बुजुर्ग के शव को कबीरचौरा अस्पताल की मर्च्यूरी में रखा गया है। परिजन शनिवार को वाराणसी पहुंचेंगे, जिसके बाद अंतिम संस्कार की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।


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