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43 साल पहले शुरू हुई थी मिनी स्टेडियम में दुर्गापूजा: 2023 में यहां की CM ने बधाई पत्र भेजा था

नवीन प्रधान

शिवपुर, वाराणसी: मिनी स्टेडियम शिवपुर में होने वाली दुर्गा पूजा की शुरुआत आज से 43 वर्ष पूर्व पंचकोशी रोड, शिवपुर निवासी रिटायर्ड डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफीसर शंभूनाथ श्रीवास्तव ने किया था। उस वक्त वाराणसी में गिने-चुने जगहों पर ही दुर्गा पूजा पंडाल लगता था।

शंभूनाथ श्रीवास्तव के पुत्र घनश्याम श्रीवास्तव ने बताया कि एक दिन वह और उनके मित्र पुरुषोत्तम सिंह (अजय ऑयल मिल) ने विचार किया कि शिवपुर में भी दुर्गा पूजा कराया जाना चाहिए, यह क्षेत्र बहुत बड़ा है लेकिन यहां पर दुर्गा पूजा नहीं होती है। अपने इस विचार को उन्होंने अपने पिता शंभूनाथ श्रीवास्तव और बड़े भाई श्रीकांत श्रीवास्तव के समक्ष रखा तो दोनों लोग सहर्ष इस कार्य के लिए तैयार हो गए।

परमिशन मिलना अत्यंत कठिन था

पूजा के लिए स्थान तय हुआ शिवपुर का मिनी स्टेडियम। अब समस्या दुर्गा पूजा पंडाल निर्माण और पूजा कराने के लिए प्रशासन द्वारा परमिशन लेने की थी, क्योंकि उस वक्त नई जगह पर पूजा करने के लिए परमिशन मिलना अत्यंत कठिन था, लेकिन श्रीकांत श्रीवास्तव ने अथक परिश्रम कर परमिशन पास करा लिया।

लोगों में हर्ष के लहर दौड़ पड़ी। सभी उत्साह और भक्ति के साथ पूजा की तैयारी में जुट गए। उस वक्त जो कमेटी बनाई गई उसका नाम “श्री श्री दुर्गा पूजा समिति शिवपुर” रखा गया जो आज भी इसी नाम से संचालित होती है।

सोनारपुरा से मां दुर्गा की प्रतिमा लाई गई

इस कमेटी के अध्यक्ष पद पर शंभूनाथ श्रीवास्तव, संयोजक श्रीकांत श्रीवास्तव, कोषाध्यक्ष रामजी गुप्ता, मंत्री लल्लू प्रसाद शर्मा, माताफेर पांडेय, घनश्याम श्रीवास्तव, राधेश्याम श्रीवास्तव, पुरुषोत्तम सिंह, दत्ता समेत अन्य कई लोग पूजा को सकुशल संपन्न कराने में जुट गए।

पंडाल का निर्माण शुरू हुआ और सोनारपुरा से मां दुर्गा की प्रतिमा लाई गई। सप्तमी के दिन संपूर्ण विधि विधान से माता दुर्गा की पूजा अर्चना प्रारंभ हुई। तीन दिनों तक चले इस उत्सव ने लोगों में नया उत्साह और उमंग भर दिया। जिस दिन माता की विदाई होनी थी बरबस ही लोगों की आंखों से आंसू छलक पड़े।

श्रद्धालुओं ने माता को विदा किया

अगले साल पुनः आने का वचन ले कर भारी मन से श्रद्धालुओं ने माता को विदा किया। इस प्रकार सन 1981 में प्रथम बार शिवपुर के मिनी स्टेडियम में मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित हुई और पूजा की नई परंपरा का शुभारंभ हुआ जो आज तक अनवरत चल रहा है। तीन वर्षों बाद शंभूनाथ श्रीवास्तव ने कमेटी के अध्यक्ष पद का कार्यभार कोषाध्यक्ष राम जी गुप्ता को सौंप दिया, जो काफी वर्षों तक अध्यक्ष बनाकर माता की पूजा और सेवा करते रहे।

वर्तमान समय में इस कमेटी के अध्यक्ष सुशांत जायसवाल, महामंत्री राकेश गुप्ता, संगठन मंत्री रोहित केशरी समेत लगभग 70 से 80 कार्यकर्ता पूजा को सफल बनाने के लिए दिन-रात मेहनत करते हैं, जिसका परिणाम है कि विगत कई वर्षों से शिवपुर मिनी स्टेडियम में होने वाले दुर्गा पूजा में वाराणसी के अन्य पंडालों की अपेक्षा सर्वाधिक भीड़ आती है।

बंगाल से आए कारीगर बनाते हैं पंडाल

यहां पंडाल का निर्माण अति सुंदर होता है, जिसे बंगाल से आए कारीगरों द्वारा डेढ़ से दो माह में बनाया जाता है। मिनी स्टेडियम परिसर में झूला, मीना बाजार, खाने पीने की समान, खिलौने के सामानों की दुकान सजाती है। इस मेले में आए हुए दर्शनार्थी देर रात तक मेले का आनंद लेते हैं। यहां की दुर्गा पूजा इतनी बेहतरीन वह चर्चित हो गई है कि पिछले वर्ष बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बधाई संदेश भेजा था।

उस समय की तीन तस्वीरें

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