बिन मांगे मशवरा: सलाह का सैलाब और बेहाल जिंदगी, इस तरह के ज्ञानदूत आपको भी मिले क्या?
व्यंग्य
दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं- एक जो सलाह लेने के लिए पूछते हैं, और दूसरे जो बिना पूछे ही सलाह देने का ठेका उठाए रहते हैं। अब, इन बिन मांगे मशवरा देने वालों का मकसद भले ही नेक हो, लेकिन उनकी “नेकदिली” अकसर दूसरों की शांति और धैर्य को तबाह करने में कोई कसर नहीं छोड़ती।
शुरुआत घर से होती है
सबसे पहले तो घर में ही आपकी मां कहेंगी, “तुम्हें देखो, जैसे दिनभर फोन में घुसे रहते हो, वैसे पड़ोस का शर्मा जी का बेटा देखो।” अब शर्मा जी के बेटे का ‘आदर्श चरित्र’ ऐसा है कि वो खुद घर छोड़कर भाग चुका है, लेकिन सलाह देने में कोई कसर नहीं।
ऑफिस का ज्ञान पिटारा
ऑफिस में तो एक अलग ही किस्म के बिन मांगे सलाहकार मिलते हैं। जैसे ही आपने चाय का कप उठाया, कोई पीछे से बोल पड़ेगा, “चाय कम पिया करो, पेट खराब हो जाएगा।” और अगर गलती से काम करते वक्त किसी से मदद मांग ली तो वो अपनी सारी पर्सनल और प्रोफेशनल जिंदगी का ज्ञान आपको मुफ्त में थमा देगा।
शादी की सलाह, मुफ्त में बवाल
शादीशुदा हो या कुंवारे, इनसे बचने का कोई उपाय नहीं। अगर कुंवारे हो तो लोग पूछेंगे, “शादी कब कर रहे हो?” और अगर शादीशुदा हो तो यही लोग सलाह देंगे, “तुम्हें अब एक बच्चा प्लान कर लेना चाहिए।” मानो बच्चा पैदा करना किचन गार्डन का प्रोजेक्ट हो।
पड़ोसी का पैकेज
पड़ोसियों की सलाह तो जैसे ‘फ्री में बंटने वाले प्रसाद’ की तरह होती है। “भाई साहब, आपके बेटे को इंजीनियरिंग करवा दो। ये यूट्यूब पर क्या करता रहता है?” अब उन्हें कौन समझाए कि बेटा यूट्यूब से कमा रहा है और उनकी सलाह से बचने के रास्ते ढूंढ रहा है।
सोशल मीडिया वाले ज्ञानदूत
अगर आप सोच रहे हैं कि डिजिटल युग में इनसे बचा जा सकता है तो आप गलत हैं। एक तस्वीर अपलोड करिए और देखिए- “अरे, ये जगह अच्छी नहीं है, यहां मत जाओ।” या फिर, “ये डिश तो मैंने भी बनाई थी, पर मेरी ज्यादा स्वादिष्ट थी।”
समाधान क्या है?
ऐसे बिन मांगे सलाहकारों से निपटने का सबसे अच्छा तरीका है कि उनकी बातों पर सिर हिला दीजिए और “हम्म” बोलकर खिसक लीजिए। नहीं तो ये लोग आपकी जिंदगी की हर समस्या का “सॉल्यूशन” लेकर बैठे रहते हैं, जो अकसर समस्या को और बढ़ा देता है।
बचाव जरूरी
बिन मांगे सलाह देने वालों से बचना मुश्किल है, लेकिन उनके ज्ञान की बौछार को मजाक में उड़ा देना ही सबसे बड़ा बचाव है। आखिर, किसी ने सच ही कहा है- “मुफ्त की सलाह और मुफ्त का वाईफाई, दोनों में नुकसान पक्का है।”